पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीडीपी आंकड़ों को लेकर विशेषज्ञों पर सवाल उठाने के लिए मोदी सरकार को दुनिया की सबसे बड़ी बुद्धिजीवी-विरोधी सरकार बताया और कहा कि अर्थव्यवस्था को नोटबंदी के विनाशकारी प्रभाव से पार पाने में 12 से 18 महीने का समय लगेगा।
जाने माने नोबेल पुरस्कृत अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को लगता है कि भारत में भय का माहौल व्याप्त है। देश के विश्वविद्यालयों पर खतरा मंडराने लगा है। बोलने की आजादी पर बंदिश लगाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने नोटबंदी के केंद्र सरकार के कदम को अजीबोगरीब करार दिया है। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का चांसलर हिंदुत्व के एक पैरोकार को बनाए जाने को लेकर भी मोदी सरकार की खिंचाई की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष विवादों में है। घोष ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की आलोचना की है। इससे राज्य की राजनीति में एकाएक गरमाहट पैदा हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि घोष ने अमर्त्य सेन के बारे में जो नकारात्मक बातें कही है वह शर्मनाक है।
भारतीय रिजर्व बैंक के दो पूर्व गवर्नरों वाई वी रेड्डी और बिमल जालान के बाद अब नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने आज केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजकल बैंक कोई फैसले नहीं करता, सभी निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं।