अब तक जो लोग अर्जुन कपूर को गंभीरता से नहीं ले रहे थे अचानक उन लोगों की दिलचस्पी अर्जुन कपूर में हो गई है। अब फिल्मी दुनिया उन्हें छुपा रुस्तम मान रही है।
यह 2006 की बात है जब इंग्लैंड के प्रिंस चार्ल्स भारत आए। तयशुदा कार्यक्रमों में से प्रिंस के लिए एक मीटिंग बहुत खास थी। वह थी चंडीगढ़ के आयुर्वेदिक डॉक्टर वैद्य मदन गुलाटी से मुलाकात। गुलाटी यूटी प्रशासन के आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक भी थे। प्रिंस ने डॉ. गुलाटी और उनकी टीम से आयुर्वेद पर चर्चा की, कुछ अपने सवालों के जवाब पाए। डॉ. गुलाटी ने उन्हें अर्जुन का छाल की चाय भेंट की। उसके बाद प्रिंस के डॉक्टर्स दो दफा भारत आए और जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण लिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शाही घराने समेत, दुनिया की कई नामचीन हस्तियां भारतीय जड़ी-बूटियों पर भरोसा करती है। यहां पाए जाने वाली 3,000 जड़ी-बूटियां और औषधीय गुणों वाले 15,000 पौधे कई बड़ी बीमारियों की अचूक दवा हैं।
देश में सहिष्णुता को लेकर चल रही बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि बहुलवाद और सहिष्णुता ही हमारी सभ्यता की पहचान है। भारत की विविधता ही उसकी मजबूती है। राष्ट्रपति आज नई दिल्ली में मध्य प्रदेश फाउंडेशन और अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के सम्मान में आयोजित स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।
लंबा वक्त बीत गया है जब रंगकर्मी और गुजराती फिल्मों का जाना-पहचाना नाम स्वरूप संपत परदे पर आई थीं। यह जो है धारावाहिक की संपत लंबे अर्से बाद हिंदी फिल्मी परदे पर नजर आएंगी।
अपना साहित्य पुरस्कार वापस लेने से इंकार कर चुकी जानी-मानी लेखिका नयनतारा सहगल ने आज साहित्य अकादमी को एक पत्र लिखकर कहा कि असहिष्णुता के खिलाफ उनका विरोध जारी है।
भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। कल जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीते दौर की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया कि पद्म भूषण मांगने आशा पारेख 12 मंजिल चढ़कर उनके घर आई थीं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पुरस्कारों की कद्र करनी चाहिए, इन्हें संजोकर रखना चाहिए। भावनाओं में बहने के बजाय अपनी असहमति को बहस और विमर्श के जरिए व्यक्त करना चाहिए। राष्ट्रपति की इस बात को पुरस्कार वापसी मुहिम में जुटे लोगों को नसीहत भी माना जा रहा है।
देश में असहिष्णुता के माहौल को लेकर पुरस्कार वापसी का सिलसिला जारी है। अब जाने-माने फिल्म फिल्मकार कुंदन शाह, निर्देशक सईद मिर्जा और प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय समेत 24 फिल्मकारों ने अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। इससे पहले दिबाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन समेत 11 लोगों ने अभिव्यक्ति की आजादी और असहिष्णुता के मुद्दे पर अपने पुरस्कार लौटा दिए थे।