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Search Result : "असदुद्दीन औवेसी"

‘रोटी कमाने वाले कायम रहें’

‘रोटी कमाने वाले कायम रहें’

जिसे जिसका मांस खाना हो खाए, कोई गाय को माता माने या न माने, कोई बार-बार विदेश जाकर भारत की जैसी मर्जी महिमा मंडन करे, कोई किसी को मुल्ला कहे या पाकिस्तानी। मुसलमानों के एक बहुत बड़े वर्ग को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये मध्य और निम्न मध्य वर्ग के वे मुसलमान हैं जो दंगों की लपटों में झुलस जाते हैं। इस वर्ग को मतलब है तो सिर्फ इस बात से कि इन्हें दो जून की रोटी मिलती रहे और रोटी कमाने वाले कायम रहें। ये अपने गांव में रहते रहें क्योंकि दूसरी किसी जगह पर ठिकाना नहीं है। इन्हें रहने के लिए गांव छोडक़र कैंपों में न जाना पड़े। यही इनकी सबसे बड़ी फिक्र है।
पंचायत चुनावों के जरिये यूपी में ओवैसी की दस्‍तक!

पंचायत चुनावों के जरिये यूपी में ओवैसी की दस्‍तक!

आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनावों से ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) प्रदेश की राजनीति में दस्तक दे रही है। हालांकि तैयारियां तो पहले से जारी थी लेकिन पंचायत चुनावों के जरिये उत्तर प्रदेश में पार्टी पहली दफा मैदान में उतर रही है। तैयारियों की इसी कड़ी में आज पार्टी का फैजाबाद में बड़ा आयोजन है।
'मुसलमान तुम्हारी मिलकियत नहीं औवेसी'

'मुसलमान तुम्हारी मिलकियत नहीं औवेसी'

भड़काऊ भाषणों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले औवेसी बंधू खुद को मुस्लिमों के हमदर्द के रूप में पेश करने की जद्दोजहद में लगे हैं, मगर सवाल यह है कि क्या मुसलमानों की भावनाओं को बेचकर खुद के लिए अपनी सीट सुरक्षित कर लेना हमदर्दी है ? इन भावनाओं का सौदा कर अपने लिए जमीन तैयार करने को आप क्या कहेंगे।
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