असम में मिली जीत के बाद उत्साहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की।
असम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार गठन के हफ्ते भर के भीतर ही केंद्र सरकार ने समूचे पूर्वोत्तर में सौगातों की झड़ी लगा दी है। असम समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को विशेष राज्य की दर्जा देकर ढेरों आर्थिक पैकेज दिए गए हैं। पूर्वोत्तर के मिजोरम और मणिपुर को रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा भी ढांचागत और सामाजिक क्षेत्र की दसियों परियोजनाएं असम और पूर्वोत्तर के लिए घोषित की गई हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने असम को आधार बनाकर संपूर्ण पूर्वोत्तर में न केवल अपना जनाधार बढ़ाना आरंभ कर दिया है, बल्कि उसी दिशा में आगे बढ़ चुकी है। वैसे भी गुवाहाटी पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार है और गुवाहाटी में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार बन चुकी है। उसी तरह भाजपा अब दिसपुर में प्रवेश करने के बाद संपूर्ण पूर्वोत्तर में अपना प्रभाव बढ़ाने के अभियान में लग गई है।
असम में भाजपा की नवनिर्वाचित सोनोवाल सरकार के एक मंत्री के ऊपर गंभीर आपराधिक मामला दर्ज होने का मामला सामने आया है। बुधवार को नेशनल इलेक्शन वाच और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने चुनाव के दौरान मंत्रियों की ओर से दिए हलफनामे के अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी है।
असम के गुवाहाटी के खानपारा मैदान में सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रगान से शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कई गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।
असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल में ऊंचे जयघोष के साथ पांच साल के लिए चुनी सरकार के जश्न हो रहे हैं। दिल्ली और विभिन्न राज्यों में दशहरा-दीवाली की तरह मोदी सरकार की दूसरी वर्षगांठ के लिए जारी धूमधाम लगभग 10 दिन चलने वाले सफलता उत्सव का शोर है।
असम में सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा के हौंसले बुलंद हैं। पार्टी को केरल में भी संतोषप्रद सफलता मिली है। पहला मौका है जब भाजपा ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है। ऐसी सफलता के साथ ही उसने अब उत्तर प्रदेश की ओर ध्यान देना शुरु कर दिया है।
असम जीतने के बाद भाजपा का अब सारा ध्यान उत्तर प्रदेश में है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं। अगर यहां पार्टी कामयाब होती है तो उसे 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए एक नया विश्वास मिल जाएगा। भाजपा अब अपनी सारी रणनीति इसी राज्य काे ध्यान में रखते हुए तैयार कर रही है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मतगणना के प्रारंभिक रूझानों में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वी वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन से काफी आगे चल रही है जबकि असम में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। तमिलनाडु में जयललिता की अन्नाद्रमुक और केरल में वाममोर्चा गठबंधन एलडीएफ आगे चल रहा है।