उत्तराखंड की 69 विधानसभा सीटों पर बुधवार को 68 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके 628 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद कर दिया।
दिल्ली में चल रहे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अंतरराष्ट्रीय ‘भारत रंग महोत्सव-2017’ के गुरु कक्षा (मास्टर क्लास) में प्रसिद्ध रंगमंच और फिल्म अभिनेता मोहन अगाशे ने रानावि छात्रों और रंग प्रेमियों के बीच कहा, सच यह है कि प्रदर्शन यानी दृश्य माध्यमों की ताकत शब्दों से कहींअधिकहै।
एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में दोबारा चुनाव लड़ रहे 60 विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच सालों में औसतन 1.77 करोड़ रूपये का इजाफा हुआ है। भाजपा के 29 विधायकों की संपत्ति में औसतन दो करोड़ रूपये से अधिक का इजाफा हुआ वहीं कांग्रेस के 28 विधायकों की संपत्ति में एक करोड़ रूपये से अधिक की वृद्धि हुई।
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक पीठ ने जहां कानून और व्यवस्था को अपराध अनुंसधान से अलग करने के लिए दिल्ली पुलिस में कर्मियों की संख्या में वृद्धि की बात की है तो एक अन्य पीठ ने आज कहा कि शहर की पुलिस में आवश्यकता से अधिक कर्मी हैं।
कालेधन पर अंकुश के कदम के तहत अब तीन लाख रुपये से अधिक का नकद स्वीकार करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा। इसकी शुरुआत एक अप्रैल से होगी। बजट 2017-18 में तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन पर रोक लगाने का प्रस्ताव है।
आयकर विभाग ने कालाधन रखने वाले लोगों को चेतावनी दी कि उनकी अघोषित संपत्ति उसकी नजर से छिपी हुयी नहीं है और इसके साथ ही विभाग ने उन्हें सलाह दी कि वे अपनी जमा राशि के संबंध में मौजूदा एकमुश्त खुलासा योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना :पीएमजीकेवाई: का लाभ उठाएं।
बराक ओबामा का कार्यकाल के समाप्त होने और डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में सोशल मीडिया पर सबसे अधिक फॉलोवर वाले नेता बन गये हैं।
वैश्वीकरण का लाभ केवल दुनिया के धनी लोगों को ही मिलने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने खुली बाजार अर्थव्यवस्था का पक्ष लिया और कहा कि संपत्ति सृजन को रोका नहीं जाना चाहिये क्योंकि समाज में संपत्ति वितरण के लिये संपत्ति सृजन जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति और औद्योगिक नवप्रवर्तन के लिये तैयार है।
भारत की कुल 58 प्रतिशत संपत्ति पर देश के मात्र एक प्रतिशत अमीरों का आधिपत्य है जो देश में बढ़ती आय विषमता की ओर संकेत करता है। यह आंकड़ा वैश्विक 50 प्रतिशत के आंकड़े से अधिक है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है।