आरबीआई ने चलन से बाहर किए गए उच्च मूल्य के पुराने नोट बदलने के वास्ते प्रवासी भारतीयों सहित उन लोगों के लिए कुछ अन्य शर्तें जारी की जो 30 दिसंबर तक ऐसा करने में असफल रहे थे।
सरकार ने न्यूयार्क विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और अपने आप को गरीब व्यक्ति का रघुराम राजन कहने वाले विराल वी. आचार्य को रिजर्व बैंक का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है।
चलन से बाहर किये गये 500-1000 रुपये के पुराने नोट रखने वालों पर अब जुर्माना लगेगा। उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस तरह के प्रावधान वाले अध्यादेश को मंजूरी दी है।
पुराने नोट जमा कराने पर पूछताछ को लेकर चौतरफा घिरे भारतीय रिजर्व बैंक ने आज इस मामले में यू-टर्न लिया। आरबीआई ने कहा कि अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) अनुपालन वाले खाताधारक 30 दिसंबर तक 5,000 रुपये से अधिक के पुराने नोट एक बार में या कई बार में जमा करा सकेंगे, उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बैंकों में पुराने नोट जमा करने के बाबत नियमों में बार-बार किए जा रहे बदलाव पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि मोदी सरकार ऐसे कनफ्यूज्ड ट्रैफिक सिग्नल की तरह बर्ताव कर रही है, जिसमें एक ही समय में अलग-अलग रंगों की बत्तियां जलती हैं।
अमान्य घोषित किये जा चुके 500 और 1000 रूपये के नोटों को बैंकों में जमा करने संबंधी रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के नये प्रतिबंधों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नये सिरे से हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि देश का केंद्रीय बैंक उसी तरह नियम बदल रहा है, जिस प्रकार प्रधानमंत्री अपने कपड़े बदलते हैं।
नोट बंदी लागू होने के बाद विभिन्न हिस्सों में काले धन को सफेद करने में बैंकों व बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। यूं कहा जाए कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद देश के बैंकिंग ढांचे की कलई खुल गई है। तीन वर्ष पहले एक वेबसाइट की तरफ से निजी व सरकारी बैंकों में काले धन को सफेद करने के गोरखधंधे का जो खुलासा हुआ था वह बदस्तूर जारी है। इस बीच आरबीआइ ने नियमों में कड़ाई बरती है। बैंकों पर जुर्माना लगाया लेकिन इन्हें नजर अंदाज करने वालों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अमान्य किए जा चुके 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध तरीके से नए नोटों में बदलने के दो अलग-अलग मामलों में रिजर्व बैंक के एक अधिकारी और जद (सेकुलर) नेता और कैसिनो मालिक के सी वीरेंद्र को गिरफ्तार किया है।
बाजार की उम्मीदों के विपरीत भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीतिगत दरों में कोई कमी नहीं की और उन्हें जस का तस बनाए रखा। बाजार विश्लेषकों ने कहा था कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति अपनी दो दिन की बैठक में अपनी फौरी ब्याज दर रेपो में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कमी कर सकती है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढावा दिया जा सके।
मौद्रिक नीति पर विचार के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक कल शुरू होगी। नोटबंदी के प्रभाव को कम करने के लिए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की व्यापक उम्मीद के बीच यह बैठक हो रही है।