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Search Result : "आलोक नाथ"

नेताजी सुभाष पर खुले अंतिम दस्तावेज। आलोक मेहता

नेताजी सुभाष पर खुले अंतिम दस्तावेज। आलोक मेहता

आखिरकार नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विमान दुर्घटना में दुखद मृत्यु के संबंध में जापान सरकार के प्रामाणिक दस्तावेज सामने आ गए। पिछले 70 वर्षों से इस मुद्दे पर विरोधाभास वाली सूचनाएं एवं टिप्पणियां आती रहीं। राजनीतिक दलों ने भी इस विवाद को गरमाया।
राष्ट्र द्रोह बनाम राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र द्रोह बनाम राष्ट्र प्रेम

राष्ट्र द्रोह का कानून नया नहीं है। ब्रिटिश राज में भी यही कानून लागू था। आजादी के बाद संविधान निर्माता स्वयं राष्ट्र को समर्पित थे और उन्होंने भारत के विरूद्ध किसी तरह के षडयंत्र और गतिविधि को रोकने एवं कड़ी सजा के प्रावधान कर दिए।
देर सही, दुरुस्त हो जाएं

देर सही, दुरुस्त हो जाएं

लंबे अर्से के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षक एवं धर्म-जाति के आधार पर अत्याचार कर रहे कट्टरपंथियों को कड़ी फटकार लगाई। इससे असामाजिक और आप‌राधिक तत्वों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों की सरकारी मशीनरी को अधिक सक्रियता से कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
‘विचार मुक्त’ समाज का आईना

‘विचार मुक्त’ समाज का आईना

नया दौर, नई राजनीति, नई अर्थनीति, नई संचार क्रांति के साथ नया समाज बन रहा है। इसी बदलाव के युग में नए नारे, नए नेता, नए अपराधी, नए प्रचारक सामने आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने आह्वान किया कि अब ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाना है। बेचारी कांग्रेस पार्टी तो 130 बरस की हो गई है। भाजपा में तो 75 वर्ष की आयु के बाद वनवास देने का प्रावधान है। प्राचीन हिंदू धर्मशास्त्रों में 75 के बाद वानप्रस्थ या संन्यास की व्यवस्था बताई गई है। इसलिए 21वीं सदी की पार्टी को लगता है कि मार्गदर्शकों के विचार घिसे-पिटे होते हैं और उनका मन लगा रहे तो वे तपोवन में सोच-विचार, तपस्या कर अन्य लोकों के साथ नाता जोड़ सकते हैं।
outlookhindi.com पर देखें सैयद हैदर रजा का खास इंटरव्यू

outlookhindi.com पर देखें सैयद हैदर रजा का खास इंटरव्यू

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त भारतीय चित्रकार सैयद हैदर रजा का शनिवार को निधन हो गया। पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित सैयद हैदर रज़ा उर्फ़ एस.एच. रज़ा का जन्म 22 फ़रवरी 1922 को मध्य प्रदेश के मंडला जिले के बावरिया में हुआ था।
क्रिकेट के धंधेबाज नेता संकट में

क्रिकेट के धंधेबाज नेता संकट में

आखिरकार क्रिकेट के धंधे से चांदी कूटने और नेतागिरी चमकाने वाले नेता लंबी कानूनी लड़ाई के बाद असली संकट में फंसे हैं। यूं पुराने खिलाड़ी होने की वह से वे वर्चस्व के ‌लिए ‘बेनामी’ यानी कठपुतलियों को आगे बढ़ाने का फार्मूला बढ़ा सकते हैं।
जब ‘लाट साहब’ मोहरे हों | आलोक मेहता

जब ‘लाट साहब’ मोहरे हों | आलोक मेहता

महामहिम राज्यपाल वर्तमान से भूतपूर्व हो जाने पर भी अपने पराए उन्हें ‘लाट साहब’ के रूप में पुकारते हैं। सरकारी नौकरी में जीवन पर्यंत बड़े बाबू से बड़े साहब-सचिव-मुख्य सचिव बन जाएं, लेकिन जोड़-तोड़ में माहिर होने पर रिटायर होने के बाद लाट साहब, नेताजी, मंत्रीजी भी बन जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट बचा रहा लोकतंत्र | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट बचा रहा लोकतंत्र | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट लगातार अपनी निष्पक्षता से ऐतिहासिक फैसले देकर लोकतंत्र में व्यवस्‍था को निरंकुश होने से बचाने के साथ शीर्षस्‍थ पूंजीपतियों, संस्‍थाओं की अनियमितताओं को रोकने का काम कर रहा है।
पार्टी को हलफनामा कंपनी की तर्ज पर | आलोक मेहता

पार्टी को हलफनामा कंपनी की तर्ज पर | आलोक मेहता

आर्थिक उदारीकरण के 25 साल पूरा होने का असली असर कांग्रेस पार्टी पर दिखाई दे रहा है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर 130 साल से अधिक सक्रिय कांग्रेस पार्टी अब इस हालत में पहुंच गई है कि पंजाब-उत्तर प्रदेश में उम्मीदवार के चयन की सूची में शामिल होने के लिए भी ‘वफादारी’ का कानूनी हलफनामा मांगा जा रहा है।
चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

कश्मीर में हिजबुल के खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा और बिगड़ी स्थिति चिंताजनक है। ऐसी हालत में एक बार फिर मीडिया सवालों के घेरे में है। निश्चित रूप से स्वतंत्र मीडिया दुनिया भर को तथ्य पहुंचाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक देशों की समस्याएं, आतंकवादी घटनाएं और हिंसा की समस्याएं भारत से भिन्न हैं।
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