भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला आने के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं। एक तरफ जहां भारत इसे अपनी रणनीतिक जीत की तरह देख रहा है तो वहीं पाकिस्तान के द्वारा इस फैसले को मानने अथवा नहीं मानने पर भी संशय जारी है। ऐसे में उन घटनाओं की ओर ध्यान जाना लाजिमी है जब अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्णयों को अमल नहीं किया।
कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की अंतरिम रोक को मानने से पाकिस्तान ने इंंकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय का कहना है देश के अंदरुनी मामलों में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) दखल नहीं दे सकती। यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
क्वांटिको स्टार प्रियंका चोपड़ा सही मायनों में सीमाओं से परे हो गई हैं। बेवॉच प्रदर्शन के लिए तैयार है। मेट गाला रेड कार्पेट में भी उनकी अदा की कम चर्चा नहीं थी। अब वह एक मैग्जीन के कवर पर छा जाने के लिए तैयार हैं।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। जाधव को जासूसी करने के आरोप में पाकिस्तान द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई थी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा जारी किये गये एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 2015 के मुकाबले 2016 में मौत की सजा के मामलों में 81 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की भारतीय ईकाई ने वर्ष 2013 में मुजफ्फनगर दंगों में हुए कथित बलात्कार में सुनवाई को लेकर हो रहे विलंब पर रिपोर्ट जारी की। इसके प्रमुख आकार पटेल ने कहा कि निर्भया बलात्कार मामले के बाद बलात्कार संबंधी कानून में जो बदलाव किए गए थे हम कानूनों की बात न भी करें तो दंगों में इन बलात्कार पीड़ित महिलाओं को मौलिक न्याय भी नहीं मिला है।
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स के विमान पीक-661 के एक इंजन में खराबी के कारण दुर्घटना हुई जिससे विमान में सवार सभी लोग मारे गए। शुरूआती जांच में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) का एक विमान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के छावनी शहर एबटाबाद के करीब एक पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान 47 यात्रियों को लेकर राजधानी इस्लामाबाद जा रहा था। खबरों के अनुसार विमान में 3 विदेशी समेत 47 यात्री सवार थे।
विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों के भविष्य पर महाराष्ट्र सरकार विधि एवं न्यापालिका विभाग से विचार-विमर्श करेगी।