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Search Result : "इमरान हुसैन"

पाशा ने कहा, मुंबई हमले में हम शामिल थे पर हमारा नहीं था यह मिशन

पाशा ने कहा, मुंबई हमले में हम शामिल थे पर हमारा नहीं था यह मिशन

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख शुजा पाशा ने माना है कि 2008 मुंबई हमले में उनके लोग शामिल थे। अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत हुसैन हक्कानी ने अपनी किताब इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में इस बात का दावा किया है।
पाकिस्तान को उसके ही राजनयिक की नसीहत, आतंकियों पर कार्रवाई करो

पाकिस्तान को उसके ही राजनयिक की नसीहत, आतंकियों पर कार्रवाई करो

पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत पर हमलों के जिम्मेदार लोगों में से कुछ को सिर्फ घर में नजरबंद कर देने या अन्य को खुला छोड़कर भाषण देते रहने देने के बजाय उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
बेहद चुनैतीपूर्ण था इमरान के लिए अजहर की भूमिका निभाना

बेहद चुनैतीपूर्ण था इमरान के लिए अजहर की भूमिका निभाना

मोहम्मद अजहरूद्दीन भले ही अपने अनुकरणीय क्रिकेट कौशल के लिए जाने जाते हैं लेकिन अभिनेता इमरान हाशमी के लिए आगामी फिल्म अजहर में पूर्व कप्तान के व्यक्तिगत जीवन को दिखाना एक बड़ी चुनौती थी। फिल्म में इमरान अजहरूद्दीन की भूमिका निभा रहे हैं।
गर्मियों में कामकाजी महिलाओं के लिए टिप्स

गर्मियों में कामकाजी महिलाओं के लिए टिप्स

कामकाजी महिलाओं को अपने कार्य स्थल पर जाने के लिए प्रतिदिन ट्रैफिक जाम, वायु प्रदूषण और कालिख से जूझना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को अपनी स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए।
पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में नवाज शरीफ भी शामिल

पाकिस्तान के सबसे अमीर नेताओं में नवाज शरीफ भी शामिल

पनामा पेपर्स लीक विवाद के बीच पाकिस्तान के वजीरे आजम नवाज शरीफ दो अरब रूपये की निजी संपत्ति के साथ देश के सबसे अधिक दौलतमंद नेता के तौर पर उभरे हैं। गौरतलब है कि महज चार साल में उनकी संपत्ति में करीब एक अरब रूपये का इजाफा हुआ है।
अजहर सिर्फ खिलाड़ी की कहानी नहीं

अजहर सिर्फ खिलाड़ी की कहानी नहीं

भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन की जीवनी पर बन रही फिल्म अजहर में उनकी भूमिका को जीवंत करना इमरान हाशमी के लिए एक चुनौती था। इस फिल्म में मैच फिक्सिंग कांड में पूर्व कप्तान की भूमिका का घटनाक्रम दिखाया गया है।
संघर्ष की दास्तां, किस ऑफ लाइफ

संघर्ष की दास्तां, किस ऑफ लाइफ

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंडियन इस्लामिक सेंटर में फिल्म अभिनेता इमरान हाशमी की पहली पुस्तक किस ऑफ लाइफ का विमोचन किया। किताब पेंग्विन रैंडम हाउस से प्रकाशित है।
लोकतंत्र में बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते: कमल हासन

लोकतंत्र में बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते: कमल हासन

सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

‘बड़े शौक से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गए दास्तां कहते-कहते’

यह लगभग चार साल पहले की बात है। भारत में अफसानानिगार सआदत हसन मंटों की 100वीं जन्मशताब्दी मनाई जा रही थी। दिल्ली और पंजाब में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे। इस सिलसिले में एक कार्यक्रम दिल्ली में भी आयोजित हुआ जिसमें मंटो पर बात करने के लिए पाकिस्तान से कई अफसानानिगार और बुद्धिजीवि आए। उसी कार्यक्रम में पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कहानिकार और पत्रकार इंतिजार हुसैन भी आए थे। वहीं उनसे पहली मुलाकात रही। हमेशा से इंतिजार हुसैन उतने ही भारतीयों के भी रहे जितने वह पाकिस्तान के थे। वह भी मंटो की बेबाक लेखनी के दीवाने थे। इंतजार साहब का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के दिबाई गांव में हुआ था। मंगलवार को 93 वर्षीय इस लेखक का पाकिस्तान में निधन हो गया। भारत में किस प्रकार सोशल मीडिया पर लोगों ने इंतिजार साहब को याद किया-
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