भारत ने चुनाव जीतने का अपना प्रभावशाली रिकॉर्ड बरकरार रखते हुए आर्थिक एवं सामाजिक मामलों की संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के चार अनुषांगिक निकायों में चुनावों में जीत हासिल की है।
अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के बहुमत के नेता मिच मैक्कोनल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए ऐतिहासिक समझौते की आलोचना की है और समझौते का विरोध करने वाले सांसद इसके खिलाफ औपचारिक प्रतिक्रिया देने की योजना बना रहे हैं।
ईरान और विश्व के कुछ अन्य प्रमुख देश स्विट्जरलैंड में लंबी वार्ता के बाद तेहरान के परमाणु अभियान पर नियंत्रण के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक समझौते की रूपरेखा पर आज सहमत हो गये।
तेहरान के विवादपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और छह वैश्विक शक्तियों के बीच बनी सहमति का भारत ने आज स्वागत किया है। इसके साथ ही भारत ने यह उम्मीद जताई है कि यह आपसी सहमति 30 जून तक एक समग्र समझौते का रूप ले सकेगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर करार की रूपरेखा को लेकर विश्व की प्रमुख शक्तियों एवं तेहरान के बीच हुए समझौते की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक सहमति करार दिया है। दूसरी ओर इस्राइल ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इससे उसके अस्तित्व के लिए खतरा पैदा होगा।
रूस और ईरान के विदेश मंत्रियों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने संबंधी समझौते की रूपरेखा पर वार्ता में बुधवार सुबह सफलता मिलने का दावा किया लेकिन अमेरिका ने कहा कि अभी सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है।
ईरान से परमाणु करार को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अब तक सिर्फ इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निशाने पर थे मगर अब ओबामा प्रशासन को देश के भीतर से ही चुनौती मिली है। इस मुद्दे पर अमेरिका के रिपाब्लिकन सीनेटर खुलकर ओबामा प्रशासन के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
क्या ईरान के मुद्दे पर अमेरिका और इस्राइल के दशकों पुराने संबंध फीके पड़ जाएंगे? क्या ईरान इन दोनों चिर मैत्री में बंधे देशों के बीच दरार डाल देगा? अगर इ्स्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के वर्तमान अमेरिका दौरे की घटनाओं को देखें तो आभास कुछ-कुछ ऐसा ही होता है।
हर मुद्दे पर चट्टान की तरह एक-दूसरे के पाले में खड़े होने वाले इस्राइल और अमेरिका के बीच ईरान के परमाणु समझौते को लेकर विवाद हो गया है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी कांग्रेस में ऐतिहासिक संबोधन की पूर्व संध्या पर कहा कि तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को कम करने को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच का समझौता इस्राइल के अस्तित्व के लिए खतरा साबित हो सकता है।