वस्तु एवं सेवा कर को संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध करार देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का भार नहीं डालते हुए जीएसटी के माध्यम से देश में एक राष्ट्र, एक कर की प्रणाली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
सभी मौजूदा मोबाइल उपभोक्ताओं को जल्द ही अपना आधार आधारित पुन:प्रमाणन कराना पड़ सकता है। सरकार ने इस संबंध में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
रिलायंस जियो को अगले दो-तीन साल में लाभ में आने के लिए 7.5 से 8 करोड़ ऐसे उपभोक्ताओं की जरूरत होगी जो अपने मोबाइल बिलों पर औसतन मासिक 180 रुपये खर्च करते हों।
गुड्स ऐंड सविर्सेज टैक्स (जीएसटी) को आजादी के बाद से कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। जीएसटी से सरकार को अहम फायदे होंगे। इससे मेक इन इंडिया प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कई वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा कर ढांचे और लाल फीताशाही के कारण होने वाली देरी से कारोबार को पांच-10 फीसद नुकसान पहुंचता है, जिसकी भरपाई कारोबारी उपभोक्ताओं की जेब से करते हैं।