हिलेरी क्लिंटन अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए तैयार हैं। कैलिफोर्निया की महत्वपूर्ण प्राइमरी से पहले दो प्राइमरी में अपने प्रतिद्वंद्वी बर्नी सैंडर्स को हरा चुकीं हिलेरी नामांकन जीत जाने पर अमेरिका की बड़ी पार्टी की पहली महिला उम्मीदवार बन जाएंगी। यह इतिहास रचने जैसा होगा।
किसी बड़े विरोध का सामना किए बिना डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन राज्य का प्राइमरी चुनाव जीत लिया और अब वह राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन हासिल करने से महज एक कदम दूर हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव नवंबर में होगा जिसमें ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन से होने की संभावना है।
वरमोंट से सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने राष्ट्रपति पद के चुनाव की डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी की दौड़ में आगे चल रहीं हिलेरी क्लिंटन को झटका देते हुए वेस्ट वर्जीनिया प्राइमरी के चुनाव में जीत दर्ज कर ली। सैंडर्स ने 15 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ यह जीत दर्ज की। हालांकि इसके बावजूद पूर्व विदेश मंत्री क्लिंटन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करती नजर आ रही हैं।
राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी के शीर्ष दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी मुस्लिम विरोधी नीति को हवा देने की कोशिश की। सोमवार को ट्रंप ने हाल ही में लंदन के मेयर चुने गए सादिक खान को अपने राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका में प्रवेश की इजाजत देने की बात कह फिर से विवाद खड़ा कर दिया।
अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की अग्रणी दावेदार हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अगर वह व्हाइट हाउस के लिए चुनी जाती हैं तो उनकी कैबिनेट की आधी संख्या महिलाओं के लिए होगी।
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के प्रबल दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने पार्टी में अपने प्रतिद्वंद्वी सीनेटर टेड क्रूज पर डेलिगेट को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने दावा किया है कि इस तरह की हरकतें उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी अधिकतर डेलिगेट का समर्थन पाने से रोक नहीं सकेंगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के प्रमुख दावेदार, हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप ने अपने लिए अनुकूल माने जाने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी जीत हासिल करने की दिशा में प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। उनकी कोशिश है कि वह डेलीगेट्स का भारी समर्थन हासिल करके अपने प्रतिद्वंद्वियों के समक्ष ऐसी चुनौती पेश करें, जिससे पार पाना उनके लिए संभव ही न हो।