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‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
गांधी जयंती: दास्तानगोई के जरिये बयां किया गया बापू का संदेश

गांधी जयंती: दास्तानगोई के जरिये बयां किया गया बापू का संदेश

उर्दू भाषा में कहानियां बयान करने की विधा दास्तानगोई 20वीं सदी की शुरूआत की कई महान हस्तियों की जिंदगी के सफर को समेटे हुए है जिनमें गांधी के मोहनदास से महात्मा बनने की कहानी भी शामिल है।
पंजाब: प्रधानमंत्री के नाम उर्दू में संदेश लिखे बैलून मिले, जांच जारी

पंजाब: प्रधानमंत्री के नाम उर्दू में संदेश लिखे बैलून मिले, जांच जारी

पंजाब के दीनानगर के घेसल गांव में दो बैलून मिले हैं, जिन पर कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से उर्दू में एक संदेश लिखा हुआ है। गौरतलब है कि दीनानगर में पिछले वर्ष आतंकी हमला हुआ था।
‘मुझे जवाब तो उर्दू में ही चाहिए’

‘मुझे जवाब तो उर्दू में ही चाहिए’

बिहार में बेशक गठबंधन सरकार में कांग्रेस शामिल है लेकिन अल्पसंख्यक मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और विधायक डॉ. शकील अहमद खान राज्य सरकार की नीतियों से कतई खुश नहीं। खासकर उर्दू भाषा के प्रोत्साहन के मामले में उन्होंने इन दिनों राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है।
नई पीढ़ी को रमजान की रूह के करीब ला रहे हैं मोबाइल ऐप्स

नई पीढ़ी को रमजान की रूह के करीब ला रहे हैं मोबाइल ऐप्स

रमजान के पाक महीने में हाईटेक युवा पीढ़ी के रोजेदारों के लिए मोबाइल टेक्नोलॉजी वरदान साबित हो रही है। मोबाइल एप्लीकेशंस ने उर्दू और अरबी पठन-पाठन के धुंधलाते माहौल की वजह से दीन की बारीकियों से लगभग महरूम हो चुकी नई पीढ़ी को रमजान के फायदों से रूबरू कराने का अच्छा जरिया मुहैया कराया है।
शिक्षा को लेकर करीब आएंगे भारत और सउदी

शिक्षा को लेकर करीब आएंगे भारत और सउदी

पहली दफा भारत की सउदी अरब से शिक्षा के आदान-प्रदान को लेकर बातचीत जारी है। इस दिशा में कई अहम कदम उठाए गए हैं। हाल ही में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के वीसी जफर सरेशवाला दक्षिण-पश्चिम सउदी अरब के आभा में स्थित किंग खालिद यूनिवर्सिटी में शिरकत करने गए थे, जहां दोनों देशों के बीच शिक्षा को लेकर कई मसौदों पर बातचीत हुई।
जश्न-ए-अदब और उर्दू की चिंता

जश्न-ए-अदब और उर्दू की चिंता

पाकिस्तान के जाने-माने शायर अता-उल-हक कासमी का कहना है कि उर्दू के विकास और नई पीढ़ी के साथ इसके जुड़ाव को बढ़ावा देना उर्दू प्रेमियों के हाथ में है और उन्हें इस भाषा को जीवित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।
मशहूर शायर निदा फाजली का दिल का दौरा पड़ने से निधन

मशहूर शायर निदा फाजली का दिल का दौरा पड़ने से निधन

उर्दू के मशहूर शायर और गीतकार निदा फाजली का दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया। 78 वर्षीय निदा ने मुंबई में आखिरी सांसे लीं। निदा फाजली अपनी शायरी के अलावा दोहों के लिए पूरी उर्दू दुनिया में विशेष तौर पर जाने जाते थे।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
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