दलाल पथ स्थित बंबई शेयर बाजार में आज उस समय हाहाकार मच गया जब भारी गिरावट दर्ज करते हुए सेंसेक्स 807.07 अंक टूटकर 23,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। सेंसेक्स का यह पिछले 21 महीने का निचला स्तर होने के साथ ही छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। आज की गिरावट से निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि देश में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई को 96 हजार से बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है।
गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
अमेरिका में आए भीषण बर्फीले तूफान ने राजधानी वाशिंगटन डीसी समेत देश के पूर्वी तट के अधिकतर हिस्से को प्रभावित किया है। ऐसी आशंका है कि इस तूफान में रिकॉर्ड 30 इंच तक की बर्फबारी हो सकती है। इस तूफान के चलते 1.2 लाख से भी ज्यादा घरों से बिजली गायब है और लाखों लोगों का जीवन एक तरह से पंगु हो गया है।
अर्थव्यवस्था से जुड़े दो मोर्चों पर सरकार की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। बिकवाली दबाव के चलते बंबई शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है और बृहस्पतिवार को सेंसेक्स लुढ़क कर 20 महीने में पहली बार 24000 अंक के नीचे बंद हुआ जबकि डॉलर के मुकाबले रुपया 29 माह के निम्न स्तर 68.02 रुपये पर बंद हुआ। कमजोर रुपया विदेश में पढ़ाई लिखाई से लेकर घूमने-फिरने और आयात होने वाली चीजों की महंगाई बढ़ाएगा।
सालाना दस लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को अगले महीने से सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) नहीं मिलेगा। सरकार ने सब्सिडी में कमी के लिए रियायती दरों पर सिलेंडरों की आपूर्ति सीमित करने का फैसला किया है।
भारत में इस वर्ष विदेशों में कामकाज के लिए गए उसके नागरिकों ने सबसे अधिक मनीआर्डर भेजे। विदेशों से 72 अरब डॉलर यानी करीब 4.53 लाख करोड़ की राशि के मनीआर्डर प्राप्त करने के साथ भारत इस मामले में पहले नंबर पर रहा है। इसके बाद चीन का स्थान रहा जहां 64 अरब डॉलर आए।
सरकार ने देश में रेलवे के विकास एवं विस्तार के लिए पांच वर्षों में 8.56 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इस बारे में निवेश योजनाओं में बजटीय संसाधनों एवं आंतरिक सृजन के अलावा संस्थागत वित्त पोषण, सर्वजनिक निजी भागीदारी और ऋण आदि के जरिये वित्त व्यवस्था करना शामिल है।