बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में प्रति सिलेंडर 86 रुपये की वृद्धि की गई है। बिना सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर अब 737.50 रुपये में मिलेगा। यह गैस सिलेंडर उन लोगों को लेना होता है जिन्होंने गैस-सब्सिडी छोड़ दी है या फिर जिनका 14.2 किलो के सब्सिडीशुदा 12 सिलेंडर का कोटा पूरा हो चुका है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने यह जानकारी दी है।
महाराष्ट्र के लातूर स्थित एक ऑयल फैक्ट्री के ड्रेनेज टैंक में जहरीली गैस के रिसाव होने से मरने वाले मजदूरों की संख्या बढ़कर 9 हो गई। वहीं, बेहोशी की हालत में निकाले गए मजदूरों को तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के संबंध में आज चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
नए साल के पहले दिन रसोई गैस सिलेंडर से लेकर पेट्रोल, डीजल तक सभी कुछ महंगा हो गया। सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल के दामों में 1.29 रुपये और डीजल के दामों में 97 पैसे प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है।
आज यानी 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की 31वीं बरसी पर भोपाल में कई श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन होगा। सन 1984 में 2 और 3 तारीख की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस लीक होने से 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे।
विमान ईंधन एटीएफ के दाम में आज 3.7 प्रतिशत की कटौती की गई जबकि सब्सिडीयुक्त घरेलू एलपीजी सिलेंडर का दाम 2.07 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ा दिया गया। घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी धीरे-धीरे समाप्त करने के फैसले पर अमल करते हुए पिछले छह माह में इसके दाम में यह सातवीं वृद्धि है।
राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 17 गुना अधिक होने से शहर पर धुंध की एक काली चादर छाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को एक गैस चैंबर बताया और केन्द्र से हस्तक्षेप की मांग की।
मध्यप्रदेश सरकार ने जेल से फरार सिमी के आठ व्यक्तियों की तलाश और मुठभेड़ में मार गिराने की घटना में अहम भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को दो-दो लाख रुपये का इनाम देने के फैसले पर रोक लगा दी है।
यहां के एक गांव में राज्य पीएसयू के गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएनएफसी) के एक रसायनिक संयंत्र में जहरीली गैस के रिसाव के कारण चार श्रमिकों की मौत हो गयी और 13 अन्य बीमार हो गये।
इस समय धानकटाई का समय चल रहा है। हालांकि किसान पराली जला तो नहीं सकते हैं लेकिन पंजाब और हरियाणा में जला रहे हैं। पराली जलाने से प्रदूषण होता है, जिससे निकली जहरीली गैस पर्यावरण के साथ-साथ लोगों को भी नुकसान पहुंचाती है। सबसे अहम बात यह है कि इससे हवा में धुंए के बादल बन जाते हैं जो अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा साबित होते हैं। दिल्ली की हवा में इन दिनों पसरा धुंआ दिवाली के पटाखों और पराली जलाने के परिणाम है।