भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान ने भारत से आयी 33 लाख डॉलर मूल्य की 10,000 कपास गांठ कपास की एक खेप नामंजूर कर दी है और कहा है कि आयातकों ने इस माल के मामले में क्वैरेंटाइन (पौध संगरोधी) नियमों का उल्लंघन किया है।
सरकार कपास के बीजों के दाम का नियमन जारी रखेगी और वह अमेरिका की प्रमुख जैव-प्रौद्योगिकी कंपनी मोनसैंटो जैसी कंपनियों को किसानों का शोषण करने का मौका नहीं देगी। यह बात कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कही। दिसंबर में केंद्र सरकार ने 2016-17 (जुलाई-जून) फसल वर्ष के लिए कपास के बीजों के संबंध में मूल्य-नियंत्रण आदेश जारी किया था। इसमें बीज कंपनियों की रायल्टी भी शामिल की गई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार कपास खेती के कम रकबे और उपज में भारी कमी के कारण चालू वर्ष में देश का कपास उत्पादन 11 फीसदी घटकर 335 लाख गांठ रह जाने का अनुमान है।
केंद्र ने कपास के बीज के दामों पर नियंत्रण रखने का फैसला किया है। इसके लिए मार्च, 2016 से आनुवांशिक परिवर्तन से तैयार कपास (बीटी कपास) सहित कपास की अन्य किस्मों के बीजों का अधिकतम बिक्री मूल्य यानी एमआरपी सरकार तय करेगी। यह कदम मोनसैंटो जैसी वैश्विक हाइब्रिड बीज कंपनी के लिए बड़ा झटका मना जा रहा है।