Advertisement

Search Result : "कमलनाथ के बेटे"

सपा नेता के बेटे पर किशोरी से दुष्‍कर्म का आरोप

सपा नेता के बेटे पर किशोरी से दुष्‍कर्म का आरोप

यूपी के बदायूं में एक सपा नेता के बेटे के खिलाफ दो साथियों के साथ मिलकर दलित किशोरी से सामूहिक बलात्‍कार का मामला दर्ज किया गया है। मेडिकल जांच में लड़की के साथ रेप होने की पुष्टि हुई है।
बच्ची को मरता हुआ छोड़ चली गईं हेमा, बेटे की हालत भी नाजुक

बच्ची को मरता हुआ छोड़ चली गईं हेमा, बेटे की हालत भी नाजुक

बीजेपी सांसद हेमा मालिनी की कार से दौसा में चार वर्षीय सोनम नाम की छोटी से बच्ची की मौत हो गई, और भी दुखद है कि बच्ची के भाई सोमिल ही हालत भी नाजुक बनी हुई है। दुर्घटना के दिन मीडिया और लोगों को चिंता थी तो सिर्फ हेमा की। हादसे में जख्मी हुईं हेमा हादसे के बाद पांच लोगों को लहूलुहान हालत में घटनास्थल पर छोड खुद जयपुर चली गईं। इस वजह से सोशल मीडिया पर हेमा की कड़ी आलोचना जारी है। सोनम के पिता हनुमान खांडेलवाल ने कहा कि यदि उनकी बेटी को भी हेमा मालिनी के साथ जयपुर के फोर्टिस अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी भी जान बच सकती थी। सोनम के घायल पिता का एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बेटे को शहीद का दर्जा दिलाने की जंग

बेटे को शहीद का दर्जा दिलाने की जंग

एक बुजुर्ग पिता पिछले आठ महीनों से रक्षा मंत्रालय, सेना मुख्यालय के चक्कर काट रहा है। जिंदगी भर पूरे दमखम से सत्ता प्रतिष्ठानों से लड़ने-भिड़ने का रसूख रखने वाले सांवलराम यादव ने प्रण किया है कि वह युद्ध में हताहत हुए अपने बेटे को शहीद का दर्जा दिलवाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। मामला सिर्फ एक जवान की मौत का नहीं है। इससे जुड़ा हुआ है, उन सैकड़ों जवानों की मौत का मसला जो सियाचिन से लेकर दुर्गम सीमा पर देश के लिए अत्यंत विषम परिस्थितियों में जान गंवा देते हैं। इन जवानों की मौत को आखिरकार शहीद का दर्जा क्यों नहीं मिलता?
कमाल, 40 लाख रुपये में बिकी यह चिट्टी

कमाल, 40 लाख रुपये में बिकी यह चिट्टी

कोई चिट्ठी कितनी महंगी बिक सकती है इसपर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय होगी मगर चिट्ठी यदि दुनिया के चर्चित वैज्ञानिक अल्बर्ट आईन्स्टीन ने लिखी तो कुछ खास हो जाती है।
राहुल के अज्ञातवास की पटकथा

राहुल के अज्ञातवास की पटकथा

कांग्रेस नेतृत्व के पीढ़ीगत बदलाव में अपनी-अपनी जगह सुनिश्चित करने की कोशिशें राहुल गांधी के इस झटकेदार कदम से जाहिर होने लग गईं। दिग्विजय सिंह, पी.सी. चाको, कमलनाथ, चिदंबरम और जयराम रमेश सब अपने-अपने रवैयों के साथ सामने आने लगे। भूमि अधिग्रहण मसले पर पार्टी की नीति के बारे में जयराम रमेश और वीरप्पा मोइली ने बारीकी से अलग-अलग सुर बजाए। अपनी मनमोहन सरकार के दौरान ही नियमगिरि दौरे के समय से राहुल गांधी उद्योग हित में भू-अधिग्रहण मसले पर जिस नजरिये के साथ मुखर हुए थे उसका नतीजा था 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून। हालांकि संप्रग सरकार के कई मंत्री उससे सहमत नहीं थे। उसे संशोधित करने के लिए लाए गए मोदी सरकार के अध्यादेश और फिर उसे स्थायी कानून बनाने के लिए तैयार नए विधेयक के प्रति भी उनका विरोध और इसे लेकर आंदोलन करने का उनका इरादा भी जगजाहिर था।
Advertisement
Advertisement
Advertisement