भारत के एकदम दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक में मचा घमासान गुरुवार को भी जारी रहा। राज्यपाल विद्यासागर राव आज मुंबई से चेन्नई पहुंचे और बारी-बारी से दोनों पक्षों यानी पनीरसेल्वम और शशिकला से मुलाकात की मगर अभी तक उन्होंने नई सरकार के गठन या पनीरसेल्वम को सदन में बहुमत साबित करने के लिए समय देने संबंधी कोई घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि वे अब कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद कोई फैसला करेंगे।
वीके शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर आज अनिश्चितता रही क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने चेन्नई आने की अपनी योजना टाल दी। इस बीच अन्नाद्रमुक और बागी नेताओं के बीच जे जयललिता की मृत्यु को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया।
राजीव गांधी की वर्ष 1991 में हत्या होने से पांच साल पहले ही अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने एक बहुत विस्तृत एवं संपूर्ण रिपोर्ट तैयार की थी कि यदि राजीव गांधी की हत्या हो जाती है या वह भारतीय राजनीति के परिदृश्य से अचानक चले जाते हैं तो क्या होगा।
‘महाभारत के बहाने आज की नारी की संघर्षगाधा को शब्द देती है, वरिष्ठ कवि उपेन्द्र कुमार की काव्य-कृति इंद्रप्रस्थ ।’ कल शाम पुस्तक मेला के सेमिनार मंच पर कृति-चर्चा में शामिल विद्वान वक्ताओं ने कहा।
आधुनिक बांग्ला साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठित कवि शंख घोष को वर्ष 2016 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। दो दशकों के बाद किसी बांग्ला लेखक को देश का सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि नब्बे के दशक में कांग्रेसी प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव के कार्यकाल में दुनिया की करंसी नोट छापने की मशीन बनाने वाली स्विटजरलैंड की एकाधिकार प्राप्त कंपनी डी लारू जियोरी ने चेतावनी दी कि भारत अपनी सिक्यूरिटी प्रिंटिंग प्रेसों के आधुनिकीकरण को दो हिस्सों में बांटकर जापान को न दें क्योंकि इससे इंडियन करंसी के जाली बनने की संभावना बढ़ जाएगी। जियोरी ने चेताया कि अमेरिकन डॉलर्स सबसे ज्यादा जाली बनते हैं। दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने सबसे ज्यादा डॉलर जाली छापे थे।
मंच के कवि होने के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय कुमार विश्वास के मुताबिक केंद्र की सरकारों ने उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं दिया और राजनीतिक विचार नहीं मिलने के कारण उन्हें सरकारी कार्यक्रमों तक में आमंत्रित नहीं किया जाता।
भाजपा ने सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच की कुछ विपक्षी दलों की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वोटबैंक की राजनीति के तहत आतंकवादियों के मारे जाने की घटना की जांच की मांग का चलन खत्म होना चाहिए।