मंगलवार को केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच खुली जंग साफतौर पर देखने को मिली। फर्जी डिग्री के मामले में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की गिरफ्तारी और उपराज्यपाल की ओर से एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ नियुक्त एमके मीणा को दिल्ली सरकार द्वारा चार्ज लेने से रोके जाना इसके उदाहरण हैं। वसंत विहार के एसआईटी कार्यालय के बाहर आम आदमी पार्टी के सदस्य दिनभर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। तोमर को यहां पूछताछ के लिए लाया गया था। यहां तक कि दिल्ली पुलिस ने सारा इलाका बैरिकेड्स से सील कर रखा था और बैरिकेड्स के अंदर आप विधायकों को भी नहीं जाने दिया गया। अंदर केवल कुमार विश्वास, आशुतोष और कुछ अन्य सदस्य थे। आप सदस्यों का कहना था कि दिल्ली पुलिस और बार काउंसिल केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।
केंद्र सरकार को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के वरिष्ठतम सूचना आयुक्त से कहा है कि वह अपने मुखिया की अनुपस्थिति में मामले पर सुनवाई करें। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का बैकलॉग आरटीआई आवेदकों के हितों को खतरे में डालेगा।
केंद्र सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के बीच खाई बढ़ती जा रही है। हाल ही में सरकार ने विदेशी चंदा हासिल कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर कड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 9,000 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए।
रमणिका फाउंडेसन का सम्मान समारोह हाशिए के शब्दों को रेखांकित करने और पूरी शक्ति के साथ उनके समर्थन में खड़े होने के अपने संकल्प की ओर बढ़या गया एक ठोस और सार्थक कदम है
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मध्यप्रदेश के महान कोल ब्लॉक को दूसरे चरण की मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है। यह जानकारी इलाक़े में सक्रिय पर्यावरणवादी संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने एक आरटीआइ के ज़रिये हासिल की है। इस ख़बर के मिलने के बाद संगठन की ऐक्टिविस्ट प्रिया पिल्लई ने इसे आंदोलन की जीत बताया है।
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान के लोग अधिकतर समय काम में डूबे रहने के लिए जाने जाते हैं लेकिन सरकार इसके दीर्घ कालीन नुकसान के मद्देनजर अपने देश के लोगों की यह आदत बदलना चाहती है।