फसलों के उचित दाम और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है। आंदोलन में फूट डालने की भाजपा सरकार की कोशिशें बेअसर होती दिख रही हैं।
अनाज, सब्जी और दूध के वाजिब दाम नहीं मिलने से नाराज किसान देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान मध्यप्रदेश के सीहोर में पथराव और तोड़फोड़ की घटना भी सामने आई है।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद आज अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। ये किसान महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी और फसलों के बेहतर दाम की मांग कर रहे थे।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों के आंदोलन का असर आज दूसरे दिन भी बरकरार है। कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान गुरुवार से हड़ताल पर हैं। राज्य में किसान आंदोलन में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। किसानों ने बुलडाणा में दूध से होली भी खेली।
देश में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही डेयरी कंपनी क्वालिटी लिमिटेड ने राजस्थान के चुरु और बीकानेर जिले के सरदार शहर और लंकारानसार में किसानों के बीच कर्ज बांटे। बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हुए कंपनी के समझौते के बाद एक लाख किसानों के बीच 4,000 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में दिए जाएंगे। राशि बांटने के लिए आयोजित समारोह में दो हजार किसानों ने भाग लिया। इनमें से चार सौ को कर्ज की राशि दी गई।
कांग्रेस ने भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के कृषि आय पर टैक्स लगाने की वकालत करने के साथ ही इस मामले पर भाजपा का पर्दाफाश हो गया है।
तमिलनाडु में सूखे की मार झेल रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने आज बंद का आह्वान किया है। इन विपक्षी दलों में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके, एमएमके, आइयूएमएल शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के आधुनिक तकनीक अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का फैसला किया है, जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा।