आय से अधिक संपत्ति मामले में अन्नाद्रमुक महासचिव वी.के. शशिकला की किस्मत का फैसला करने वाला शीर्ष अदालत का बहुप्रतीक्षित निर्णय आज आठ मिनट के भीतर घोषित कर दिया गया।
तमिलनाडु में पंजाब के रहने वाले 66 वर्षीय एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर 16 मई को होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह एक दुलर्भ उदाहरण है जब कोई उत्तर भारतीय तमिलनाडु के चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहा है।
इसे वक्त की बेरुखी कहें या किस्मत का खेल, लेकिन शंघाई स्पेशल ओलंपिक में देश के लिए फख्र के लम्हे जुटाने वाला एक दिव्यांग एथलीट इन दिनों रोजी-रोटी के लिए मजदूरी करने को मजबूर है। लखनउ के हामिद ने 2007 में शंघाई में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का सिर गर्व से उंचा कर दिया था। लेकिन अफसोस कि इतनी बड़ी उपलब्धि भी उसकी किस्मत नहीं बदल सकी और आज वह अपने गुजर-बसर के लिए मजदूरी करने को बाध्य है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता तथा अन्य को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 2 फरवरी से अंतिम सुनवाई होगी। सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता के खिलाफ फैसला दिया तो वह शायद इस वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में शिरकत नहीं कर पाएंगी।