विश्व पुस्तक मेला में इस बार की थीम ‘मानुषी’ पर बना विशेष मंडप यहां आने वाले पुस्तक प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, तो साहित्यिक/सांस्कृतिक मंच पर चल रही गतिविधियों के साथ ही बाल मंडप भी लोगों को खास लुभा रहा है।
नोटबंदी के दो माह बाद आयोजित हो रहे विश्व पुस्तक मेले में उम्मीद थी कि मेले को नकदी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और प्रकाशक नकदी रहित लेन-देन के जरिये अपनी किताबें बेच लेंगे, लेकिन रुक-रुककर चलने वाले नेटवर्क और 2,000 रुपये के नोट के छुट्टे न मिल पाने से प्रकाशकों का किताब बिक्री का खेल बिगड़ रहा है।
बढ़ी सर्दी को धता बताते हुए पुस्तक प्रेमियों के जमावड़े के साथ आज नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया। उद्घाटन संबोधन में मानव संसाधन राज्य मंत्री ने आशा व्यक्त की कि मेले के प्रभाव से महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा।
पहले के मुताबिक प्रकाशकों की घटी संख्या के बावजूद आयोजकों का मानना है कि 7-15 जनवरी के बीच आयोजित नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला ज्ञान और रोमांच से भरा होगा। विशिष्ट अतिथि, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि राजदूत टोमाश कोजलौस्की की मौजूदगी में, उद्घाटन 7 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे प्रगति मैदान के हंस ध्वनि थिएटर में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडे करेंगे। अतिथि होंगी ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त, ओड़िया लेखिका डॉ. प्रतिभा राय।