भाजपा समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल करने के लिए तरह तरह के जुगत लगा रही है। उसे लगता है कि सवर्ण उसके साथ हैं। लिहाजा वह पिछड़ी जाति पर अब डोरे डाल रही है। उज्जैन में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने दलित साधुओं के साथ कुंभ स्नान किया और संतों के साथ भोजन किया।
थोड़ी बाधा और बहुत सारे उत्साह के साथ आज 21 मई को आखरी शाही स्नान के साथ एक महीने से उज्जैन में चल रहा सिंहस्थ मेला आज औपचारिक रूप से खत्म हो गया। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ और तिथि को देखते हुए मेले की व्यवस्थाएं 28 मई तक यथावत रहेंगी। सुबह ग्यारह बजे आम जनता के लिए स्नान घाट खोल दिए गए थे।
उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम वैचारिक कुंभ के समापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना भी शामिल थे।
वह जमाना गया जब कहा जाता था कि ‘जात न पूछो साधु की’। इस बार सिंहस्थ कुंभ के अवसर पर पवित्र क्षिप्रा में भाजपा नेताओं-मुख्यमंत्री और साधुओं ने ‘दलित’ कोटे के तहत वाल्मीकी घाट पर स्नान किया। वैसे यह समरसता का स्नान था, लेकिन अन्य साधु-संतों और भक्त जनता को बता दिया गया कि दलित साधु-संत की अपनी महत्ता है।