नई रक्षा खरीद नीति-2015 (डीपीपी-2015) की घोषणा इस साल में होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के अनुसार जनवरी 2016 तक नई प्रक्रिया की समीक्षा होने के बाद इसकी घोषणा होगी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पांच साल से युद्ध से गुजर रहे सीरिया में सरकार और विद्रोहियों के बीच बातचीत के जरिये शांति प्रक्रिया का अनुमोदन करने वाले एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति के साथ स्वीकार कर लिया है। लेकिन यह मसौदा सीरिया में राजनीतिक हस्तांतरण में राष्ट्रपति बशर असद की भूमिका पर कुछ नहीं कहता।
धान की सरकारी खरीद और मिलिंग में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पकड़ी हैं। कैग की रिपोर्ट बताती है कि कैसे धान खरीद की सरकारी प्रणाली राइस मिलों के अनुचित लाभ का जरिया बन गई है। इन कमियों को दूर करने के साथ-साथ कैग ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में करने की सिफारिश की है।
धान की सरकारी खरीद और मिलिंग में भारत के नियत्रंक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कई अनियमितताएं पाई हैं। कैग की ओर संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए जिसका एक उदाहरण यहां पेश है।
सरकार ने चौथे दौर में आठ ब्लाकों की ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया आज शुरू कर दी। इन ब्लाकों की नीलामी इस्पात, सीमेंट व लौह जैसे क्षेत्रों के लिए की जानी है। सरकार कोयला ब्लाकों की नीलामी व आवंटन के पहले तीन चरणों में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही जुटा चुकी है।
ईरान के साथ ऐतिहासिक परमाणु करार के प्रभाव में आने के साथ ही अमेरिका और यूरोप ने ईरान पर लगे व्यापार प्रतिबंधों को हटाने की तैयारियां शुरू कर दी है। इन प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई है। वियना में जुलाई में हुए समझौते का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अनुमोदन किए जाने के 90 दिनों बाद प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
दिल्ली में प्याज खरीद घोटाले पर सफाई देने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने अखबारों तथा टेलीविजन चैनलों पर विज्ञापन देने में 23 लाख 65 हजार करोड़ रुपये बहा दिए। सरकार पर आरोप लगाया गया था कि इसने 18 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदकर दिल्ली में 40 रुपये में बिकवाए।
सभी केंद्रीय सरकारी विभागों से कहा गया है कि वे अपने सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले ही सभी प्रक्रियाओं की जांच पूरी कर ली जाए ताकि पेंशन मामले में उन्हें किसी तरह की देरी का सामना न करना पड़े।