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Search Result : "गुजरात की साबरमती नदी"

नदी जोड़ परियोजना पर सुरेश प्रभु की रिपोर्ट हुई गायब

नदी जोड़ परियोजना पर सुरेश प्रभु की रिपोर्ट हुई गायब

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय बनाई गई नदी जोड़ परियोजना की रिपोर्ट गायब हो गई है। इस रिपोर्ट को उस समय सुरेश प्रभु ने तैयार किया था। सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद एक बार फिर नदी जोड़ परियोजना को जोर-शोर से शुरू किए जाने की कवायद होने लगी। लेकिन जब इस परियोजना की पिछली रिपोर्ट को मांगा गया तब पता चला कि यह रिपोर्ट ही गायब हो गई।
जवाब में बर्खास्‍त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता

जवाब में बर्खास्‍त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की कविता

वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली गुजरात सरकार पर सवाल उठाने वाले आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजीव भट्ट ने कहा कि वह 24 साल की उम्र में एक जुनून के साथ आईपीएस में आए थे और यह आग आज भी उनके अंदर जल रही है। उनका कहना है कि सरकार ने ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने के मनगढ़ंत आरोपों पर एकतरफा जांच कर उन्‍हें सेवा से हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ संजीव भट्ट ने एक कविता के जरिये अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। इस अंग्रेजी कविता का अनुवाद इस प्रकार है:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर विवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर विवाद

चुनाव शपथ पत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री गुजरात विश्वविद्यालय से एमए की बताई जाने के बावजूद सोशल मीडिया पर उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर विवाद चल रहा है। #DegreeDikhaoPMSaab हैशटैग से पीएम की डिग्री के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। विवाद यह है कि पीएम के प्रोफाइल में पहले गुजरात विश्वविद्यालय से एमए किए जाने की बात कही गई थी। लेकिन दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर के फर्जी डिग्री मामले के बाद पीएम के प्रोफाइल से एमए की बात निकाल दी गई। सूचना के अधिकार के तहत पीएम कार्यालय से प्रधानमंत्री की डिग्री से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। पीएम कार्यालय से जानकारी नहीं दिए जाने पर इस विवाद को बल मिला है। आधिकारिक प्रतिक्रिया देने के लिए भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय के प्रश्‍ाासनिक कार्यालय में फोन किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी।
वोट नहीं डालने पर लगेगा 100 रुपये जुर्माना!

वोट नहीं डालने पर लगेगा 100 रुपये जुर्माना!

गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव में नियम के मुताबिक मत नहीं डालने वाले तथा इसके लिए कोई वाजिब कारण नहीं बताने वाले मतदाताओं पर 100 रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

गुजरात दंगाः निचली अदालत को और तीन महीने की मोहलत

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले की कार्यवाही पूरी करने के लिए अहमदाबाद की अदालत को आज तीन महीने की और मोहलत दे दी। नरसंहार की इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 व्यक्ति मारे गये थे।
मोदी सरकार के लिए नए आतंकी मोर्चे का पाठ

मोदी सरकार के लिए नए आतंकी मोर्चे का पाठ

27 जुलाई, 2015 दो झटके लेकर आया। पंजाब के गुरदासपुर में आतंकी हमला और पूर्व राष्ट्रपति 'मिसाइलमैन’ अब्दुल कलाम का निधन। कलाम का जाना एक दौर का अवसान था जबकि गुरदासपुर हमले की घटना आतंक के एक नए मोर्चे की शुरुआत।
दिल्ली के लिए दिली ख्वाहिश

दिल्ली के लिए दिली ख्वाहिश

दो काव्य-संग्रह, नदी के पार नदी (2002), नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, मैं सड़क हूं (2011), बोधि प्रकाशन, जयपुर से प्रकाशित। देश की सभी महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं,आलेख,समीक्षाएं प्रकाशित। कुछ संपादित संग्रहों में कविताओं का चयन। हिंदी समय, (महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा) पर काव्य संग्रह' मैं सड़क हूं' की ई पुस्तक सहित कई कविताएं शामिल। कुछ कहानियां/लघु-कथाएं प्रकाशित। दूरदर्शन/आकाशवाणी से कविताओं/कहानियों का प्रसारण।
तीस्‍ता और पति की संस्‍थाओं में ऑडिट की गड़बड़ी: पुलिस

तीस्‍ता और पति की संस्‍थाओं में ऑडिट की गड़बड़ी: पुलिस

गुजरात पुलिस ने ट्रस्ट के धन के कथित गबन के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने और उनके पति ने कल्याण कार्यों के लिए मिले धन का गबन शराब और विलासिता जैसे अपने निजी खर्चों के लिए किया और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश की।
अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

सुरक्षा एजेंसियों की भारी चौकसी के बीच शहर में आज भगवान जगन्नाथ की 138 वीं रथयात्रा और ईद उल फित्र का त्योहार मनाया गया। ये दोनों त्योहार 30 वर्ष बाद संयोग से एक ही दिन मनाये गये। धूमधाम से शुरू हुई इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।