सलमान खान ने इस दिवाली पर रिलीज होने जा रही सूरज बड़जात्या की फिल्म प्रेम रतन धन पायो से परदा हटा दिया है। और इसमें वह नीले रंग का कुर्ता और धोती में नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान ने कहा है कि पीसीबी अब दिसंबर में यूएई में प्रस्तावित शृंखला खेलने के लिये भारत से नहीं कहेगा। शहरयार ने कराची में पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि हम इस शृंखला के बारे में बहुत कुछ कह चुके हैं और अब हम उसने और नहीं कहेंगे। गेंद अब उनके पाले में है और उन्हें तय करके हमें इस शृंखला के भविष्य के बारे में बताना होगा।
न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय हॉकी टीम का एलान कर दिया गया है। अनुभवी मिडफील्डर दानिश मुज्तबा को इसमें जगह नहीं मिली है जबकि धर्मवीर सिंह, मनप्रीत सिंह और निक्किन थिमैया की भी इस टेस्ट दौरे के लिए वापसी हुई है।
अनुभवी प्रशासक जगमोहन डालमिया के निधन ने बीसीसीआई को विभाजित कर दिया गया है। पूर्व क्षेत्र की इकाइयों ने अपना स्वयं का उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है जिससे उत्तराधिकार की लड़ाई में नया मोड़ आ गया है।
लिएंडर पेस को रोहन बोपन्ना के साथ जोड़ी बनाकर खेलते हुए शुक्रवार को यहां पुरुष युगल में राडेक स्टेपनेक और एडम पावलासेक के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा, जिससे चेक गणराज्य ने डेविस कप विश्व ग्रुप प्ले ऑफ में भारत के खिलाफ 2-। की बढ़त हासिल कर ली।
बॉलीवुड में पहली नजर के प्यार पर बनी फिल्मों की कोई कमी नहीं है। मैडी यानी माधव काबरा (इमरान खान) को पायल (कंगना रणौत) से पहली नजर का प्यार है। बिलकुल इंस्टेंट। मैगी वाला। यहां देखा, वहां प्यार। दिवाने माधव को यह भी मंजूर है कि पायल टाइमपास प्यार करेगी। ठीक है भई। नया जमाना है तो चल जाएगा।
भारत की बैडमिंटन सनसनी साइना नेहवाल ने सुपरस्टार शाहरूख खान से मिलने की इच्छा व्यक्त की है। वह हैदराबाद में अपनी आने वाली फिल्म दिलवाले की शूटिंग कर रहे हैं।
चंडीगढ़ में एक न्यूज चैनल के पत्रकार अमित चौधरी जो अभी तक दूसरों की परेशानियों, उन पर हुए अत्याचारों को दिखाते और बताते रहे हैं, आज खुद उसका शिकार हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के चलते उनके साथ वो सब हुआ जिसे वह ‘तानाशाही, जुल्म, अत्याचार, प्रताड़ना और भयावह’ जैसे शब्दों के जरिये बयां करते हैं। यही नहीं, कारगिल युद्ध में देश के लिए दुश्मन से लोहा लेने वाले ब्रिगेडियर देवेंद्र सिंह के बेटे का निधन हो गया, उन्हें सेक्टर 25 के श्मशान घाट में बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। क्योंकि प्रधानमंत्री की रैली के चलते श्मशान घाट को पार्किंग में बदल दिया गया था। सोशल मीडिया के चलते अमित और ब्रिगेडियर देवेंद्र की तकलीफ का पता हमें लग भी गया लेकिन हजारों-लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास अपनी तकलीफ और पीड़ा बताने के लिए स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया का मंच नहीं है लेकिन असहनीय पीड़ा है।