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Search Result : "छत्तीसगढ़ के विप्लव त्रिपाठी"

क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

धर्म या संप्रदाय की स्वनिर्मित अवधारणाओं के आधार पर अस्मिता या राष्ट्रीयता को परिभाषित करने वाली विचारधारात्मक सनक के हाथों भिन्न विचारों और आस्था वाले लोगों के साथ हिंसा और प्रताड़ना के आजादी के बाद से चले आ रहे सिलसिले को देखता हूं तो सोचता हूं, इस देश में कौन सुरक्षित है?
बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

बुजुर्ग को इंसाफ दिलाने वाले आशुतोष के जज्‍बे को सलाम

लखनऊ के फोटो जर्नलिस्‍ट आशुतोष त्रिपाठी के कैमरे से ली गईं कुछ तस्वीरों ने न सिर्फ एक बुजुर्ग टाइपिस्‍ट को इंसाफ दिलाया बल्कि सोशल मीडिया की ताकत का भी अहसास करा दिया। पूरी ईमानदारी और साहस से अपना फर्ज निभाने वाले आशुतोष के जज्‍बे की भी खूब तारीफ हो रही है।
कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

कुपोषण से लुप्त हो रहे कमार आदिवासी

‘ एक आदमी के लिए सात किलो चावल और दो किलो चना, क्या इससे गरीबी दूर होती है?’ कोंडागांव के नगरी संभाग के गांव उमर का सुखदेव यह सवाल करते हुए रुआंसा हो जाता है। उसकी पत्नी और तीन बच्चे खेत में मजदूरी करने गए हैं। सौ रुपये दिहाड़ी मिलती है और जंगल से मिलने वाली साग-भाजी तो अब पहले जैसी नहीं रही। सुखदेव का कहना है कि वह अपने बच्चों को पढ़ाना चाहता है। लेकिन सरकार ने सिर्फ साइकिल देकर अपनी जिम्मेदारी खत्म कर दी। उसकी छोटी बेटी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गई थी तो स्कूल वालों ने तीसरी बार एडमिशन देने से इनकार कर दिया।
सोनी सोरी को समर्थन से छत्तीसगढ़ सरकार के माथे चिंता

सोनी सोरी को समर्थन से छत्तीसगढ़ सरकार के माथे चिंता

छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाके बस्तर में पुलिस और सरकार के लिए खौफ बन गई हैं सोनी सोरी। गुप्तांगों में पत्थर डालने से लेकर पति की हत्या तक का प्रताड़ना भरा मंजर देखा है सोनी ने। अब उसने कमर कस ली है कि घने जंगलों में बसे गांवों के हर उस ग्रामीण की आवाज बनना है जिसपर खाकी का कहर बरपा है। बाल बनाते हुए वह कहती है, ‘थक गई हूं, अदालतों में। सरकारी जवाब होता है कि मैं झूठ बोलती हूं अब मैं जनता की अदालत में न्याय मांगूगी। यहां एक नहीं, मेरी जैसी हजार सोनी सोरी हैं। मैं हर किसी की आवाज बनूंगी, कितने लोगों को सरकार कहेगी कि हम झूठ बोलते हैं। ’ सोनी सोरी के अनुसार उसके पति को मार दिया गया, उसका घर तोड़ दिया, वह भी दूसरी औरतों की तरह पति के साथ घर संसार बसाना चाहती थी लेकिन उसे सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया गया।
शिक्षा मंत्री की पत्नी की जगह दूसरी महिला दे रही थी परीक्षा

शिक्षा मंत्री की पत्नी की जगह दूसरी महिला दे रही थी परीक्षा

जैसे ही महिला को पकड़े जाने का अंदेशा हुआ वह परीक्षा कक्ष से भाग गई। महिला और शांति कश्यप द्वारा जमा की गई तस्वीरों का मिलान किया गया, इससे साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह कोई और महिला परीक्षा दे रही थी।
नियति से निर्वाण की कथा रंग राची

नियति से निर्वाण की कथा रंग राची

मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान – एक दर्द की दो दास्तां

मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
जिंदल से टकराव बढ़ा, सुभाष चंद्रा के खिलाफ मामला दर्ज

जिंदल से टकराव बढ़ा, सुभाष चंद्रा के खिलाफ मामला दर्ज

जी मीडिया और नवीन जिंदल समूह के बीच की लड़ाई और बढ़ गई है। अब इस कड़ी में जिंदल ग्रुप के सहायक उपाध्यक्ष डी.के. भार्गव की याचिका पर जी मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
एचआईवी के खिलाफ एक ट्रांसजेंडर का संघर्ष

एचआईवी के खिलाफ एक ट्रांसजेंडर का संघर्ष

अमेरिका में हो रहे स्वास्थ्य सम्मेलन में अमृता पहली ट्रांसजेंडर हैं जो शिरकत करेंगी। वह वहां इस समुदाय की स्वास्थ्य परेशानी पर रोशनी डालेंगी। वह कहती हैं हमें समाज से बस थोड़ा सा प्यार और सम्मान चाहिए
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