स्विट्जरलैंड की बैंकिंग प्रणाली की गोपनीयता के खिलाफ वैश्विक स्तर पर चल रहे अभियान के बीच स्विस बैंकाें में भारतीयों की जमा राशि करीब एक-तिहाई यानी 33 प्रतिशत घटकर 1.2 अरब फ्रैंक :करीब 8,392 करोड़ रुपये: रह गई है।
केंद्र की मोदी सरकार 2025 तक हर नागरिक को घर देने की योजना में जोर शाेर से जुटी हुई है। सरकार की इस योजना पर सेवानिवृत्ति कोष निकाय (ईपीएफओ) भी सहयोग करने जा रहा है। वह अपने पांच करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं के लिए एक सस्ती आवासीय योजना लाने पर कार्य शुरु कर दिया है। ईपीएफओ की इस योजना के तहत आपको घर खरीदने के लिए अपने पीएफ खाते में जमा राशि के आधार पर सस्ती दरों में होम लोन मिलेगा।
चिरगांव, झांसी, उ.प्र. में जन्म। जवाहर लाल विश्वविद्याल से पीएच.डी। कहीं कुछ और, किशोरी का आसमां, एक न एक दिन और कुल जमा बीस, ये आम रास्ताव नहीं, कितने कठघरे उपन्यारस। एक नई सुबह, हाट बाजार, प्रेम संबंधों की कहानियां, अस्ताचल की धूप कहानी संग्रह। स्त्री विमर्श पर भी काम। सुनो तो सही ( आलोचनात्मंक पुस्तंक) बहेलिया समय में स्त्रीर दो पुस्तकें
पुरस्कांर / सम्मारन, युवा लेखन सर्जना पुरस्काधर ( उत्ततर प्रदेश हिंदी संस्थासन द्वारा ), आर्यस्मृसति साहित्यं सम्मा न (किताब घर प्रकाशन) किशोरी का आसमां पर अमृत लाल नागर पुरस्कार, कलमकार फाउंडेशन द्वारा अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कानर, उत्तपर प्रदेश हिंदी संस्था न द्वारा अस्तााचल की धूप कहानी संग्रह पर सर्जना पुरस्कावर। विभिन्नल विश्वविद्यालयों में कई उपन्या सों और कहानी संग्रहों पर शोध कार्य।
अरबों रुपये के कर्ज के भुगतान में चूक के बीच उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि चूककर्ताओं के नाम का खुलासा किए बिना कुल बकाया राशि को सार्वजनिक किया जाए लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने गोपनीयता उपबंध का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा अनुदानकर्ताओं पर चरमपंथी विचारधारा का होने और दक्षिण चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित होने का आरोप लगाए जाने के बाद हिन्दू और भारत अध्ययन केन्द्र बनाने के लिए मिली 30 लाख डॉलर की अनुदान राशि वापस कर दी है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना को दुनिया का सबसे सफलतम वित्तीय समावेश कार्यक्रम बताते हुए राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि योजना के तहत 21 करोड़ खाते खोले गये जिनमें 32,000 करोड़ रुपये की राशि जमा है।
दिग्गज सर्ज इंजन गूगल ने सन्मय वेद को आठ लाख रुपये का भुगतान किया है। सन्मय वेद एक मिनट के लिए गूगल डाॅट काॅम डोमेन नाम के मालिक बन गए थे। हालांकि सन्मय ने भुगतान की पूर्ण राशि दान कर दी है।