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सरकार तय करेगी बीटी कपास बीज का दाम, मोनसेंटो को झटका

सरकार तय करेगी बीटी कपास बीज का दाम, मोनसेंटो को झटका

केंद्र ने कपास के बीज के दामों पर नियंत्रण रखने का फैसला किया है। इसके लिए मार्च, 2016 से आनुवांशिक परिवर्तन से तैयार कपास (बीटी कपास) सहित कपास की अन्‍य किस्‍मों के बीजों का अधिकतम बिक्री मूल्‍य यानी एमआरपी सरकार तय करेगी। यह कदम मोनसैंटो जैसी वैश्विक हाइब्रिड बीज कंपनी के लिए बड़ा झटका मना जा रहा है।
किसानों को मिले खराब बीज, मटर की फसल को नुकसान

किसानों को मिले खराब बीज, मटर की फसल को नुकसान

पंजाब में कपास की फसल के नुकसान के बाद अब मटर उत्पादक किसानों ने घटिया बीज आपूर्ति की शिकायत की है। किसानों का आरोप है कि राज्य के कृषि विभाग ने घटिया गुणवत्ता के बीज की आपूर्ति की है जिससे फसल में देरी हुई है।
कहानी: श्री कृष्ण उवाच

कहानी: श्री कृष्ण उवाच

दक्षिणेश्वर (कोलकाता) में जन्म। कोलकाता से बी. कॉम. एडवांस एकाउन्ट्स में प्रथम श्रेणी में आनर्स। रांची से एल.एल.बी। मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं में लगभग तीस कहानियां प्रकाशित। बीज नाम से एक कथा संग्रह। वर्तमान साहित्य का कृष्ण प्रताप स्मृति सम्मान। फिलवक्त आसनसोल, पश्चिम बंगाल में निवास और स्वतंत्र लेखन।
मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
पुत्र नहीं, संतान प्राप्ति की दवाः रामदेव

पुत्र नहीं, संतान प्राप्ति की दवाः रामदेव

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि पुत्रजीवक बीज नामक उनकी जिस दवा को लेकर विवाद हो रहा है वह दवा पुत्र नहीं बल्कि संतान प्राप्ति में सहयोग करती है।
भारतीय मसालदानी में सिर्फ जीरा

भारतीय मसालदानी में सिर्फ जीरा

दोपहर के खाने में फास्ट-फूड का चलन बढ़ गया है। मैंने कभी नहीं सुना था कि लोग रात के खाने में पिज्जा खा रहे हैं। इसकी एक वजह वक्त की कमी भी है। होम-डिल्वरी सुविधा ने भी रसोईघर से दूरी बढ़ा दी है।
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