डीयू छात्रसंघ चुनाव में इस बार भी यह मुकाबला प्रमुख रूप से एबीवीपी (ABVP) और एनएसयूआई (NSUI) के बीच रहा। जिसमें चार साल बाद एनएसयूआई को बड़ी कामयाबी हासिल हुई।
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि फरीदाबाद से एक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। फरीदाबाद के एक सरकारी स्कूल के छात्र के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या का मामला सामने आया है।
जेएनयू में वामपंथ को न मानने वालों के बीच एक ज़ुमला खासा मशहूर है कि देश भर के लेफ्टिस्टों को एक पिंजरे में बंद करने के लिए इंदिरा गाँधी ने जेएनयू बनाया। जेएनयू ही वो जगह है जहाँ (1969 से 2016 तक एक उदाहरण को छोड़कर जब 2001 में एबीवीपी के संदीप महापात्र कुछ वोटों से जीत गए थे) चुनाव दर चुनाव वामपंथ अपना किला सलामत रख सका है।
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले 28 कालेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 85 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। इन कालेज में 12 सौ फीसदी और 16 कालेज को दिल्ली सरकार फंड के तौर पर काफी हिस्सा देती है। यह प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को पारित कर दिया गया।
अगर बिहार और दूसरे राज्यों की सरकारें वास्तव में शिक्षा को लेकर गंभीर हैं तो सिर्फ दंडात्मक कार्यवाही और जबानी जमा खर्च से काम नहीं चलेगा। उन्हें सकारात्मक कदम भी उठाने होंगे।