गुजरात दंगों में पीडितों की आवाज उठाने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को परेशान करने की प्रक्रिया जारी है। अब एक और मामले में तीस्ता को घेरने की कोशिश की जा रही है। गुजरात की भारतीय जनता पार्टी सरकार तीस्ता की धुर विरोधी रही है। तीस्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी कट्टर आलोचक रही हैं। यही वजह है कि उन्हें एक के बाद दूसरे मामले में फंसाया जा रहा है।
ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड को सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत दी है। कोर्ट ने गुजरात पुलिस को निर्देश दिया है कि उसने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद पर जो भी आरोप लगाये हैं उसके दस्तावेज़ों की सूची वह उनसे साझा करे। तीस्ता पर 2002 के दंगों मे तबाह अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी के संग्रहालय के लिए एकत्रित धन के गबन का आरोप लगाया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को तीस्ता नदी के मुद्दे के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभाने का भरोसा दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्होंने भूमि विवाद समझौते के संबंध में समस्याओं को सुलझा लिया है और बांग्लादेश को तीस्ता जल बंटवारे के मुद्दे पर भी उन पर भरोसा करना चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए गुरुवार को यहां तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची। उनके दौरे से तीस्ता जल बंटवारा करार और भूमि सीमा करार पर आगे बढ़ने की उम्मीदें है। सन 2011 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनका यह पहला दौरा है।
गुजरात दंगों के ख़िलाफ़ निरंतर सक्रिय रहने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को कानूनी पचड़ों में फंसाये जाने को लेकर मुखर विरोध शुरू हो गया है। देशभर के कई जाने-माने बुद्धिजीवियों ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए तीस्ता के पक्ष में अभियान शुरू कर दिया है। अब तक इस अभियान से हज़ारों लोग जुड़ चुके हैं।
2002 के गुजरात दंगों के ख़िलाफ़ मुखर ऐक्टिविस्ट तीस्ता शीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद की अग्रिम जमानत गुजरात हाई कोर्ट ने रद्द कर दी है। उन पर दंगा पीड़ितों के लिए एकत्र चंदे में हेर-फेर का केस चल रहा है।