दिल्ली में तीन दिन का सार्क साहित्य उत्सव शुरू हो गया है। सभी सार्क देशों की उपस्थिति है सिवाय पाकिस्तान के। यह उत्सव सार्क लेखकों के लिए फाउंडेशन ऑफ सार्क राइटर एंड लिटरेटर (एफओएसडब्लूएएल) और विदेश मंत्रालय के सौजन्य से हो रहा है।
पुस्तक प्रेमियों की भीड़ भरी यादों के साथ प्रगति मैदान का नई दिल्ली पुस्तक मेला, ‘मिलेंगे फिर अगले साल जनवरी में’ संदेश के साथ संपन्न हुआ। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास फिलहाल इसी माह की 28 तारीख से शुरू होने वाले तीन दिवसीय ब्रह्मपुत्र साहित्य उत्सव, गुवाहाटी की तैयारी में लग गया है।
पांच सौ और हजार रूपये के बड़े नोटों के चलन से बाहर होने से फौरी तौर पर नकदी की भारी कमी हो जाने की वजह से शादी-विवाह का मौसम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वर्तमान हालात में कोई बड़ा उत्सव कर पाना काफी कठिन काम हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 4 नवंबर से पूर्वोत्तर उत्सव का आयोजन होगा। हर साल आयोजित होने वाला यह उत्सव इस बार भी भव्य होगा और इस दौरान दिल्ली के कॉलेजों एवं बैंडों के बीच रॉक संगीत की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
रमन मैग्सायसे पुरस्कार विजेता टी एम कृष्णा ने कहा कि सांस्कृतिक अधिनायकवाद आर्थिक शक्ति से भी अधिक ताकतवर है और अब बॉलीवुड में जो कुछ हो रहा है, वह इसी ताकत का दूसरा उदाहरण है। कृष्णा ने यह बातें आज कोवलम साहित्य उत्सव में एक कार्यक्रम में कुछ सवालों का जवाब देते हुए कही।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 16 अक्टूबर को युवा कथाकार पंकज सुबीर के बहुचर्चित उपन्यास अकाल में उत्सव पर केंद्रित एक पुस्तक चर्चा का आयोजन किया गया है।