चीन ने ताइवान के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी को लेकर भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है और भारत-चीन के बेहतर संबंधों को बनाये रखने के लिए उससे ताइवान से जुड़े मुद्दों से सावधानी से निपटने को कहा है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर मुद्दे में बदलाव करने और दक्षिण चीन सागर में सैन्य विस्तार करने का आरोप लगाया है। इससे पहले ट्रंप ने फोन पर ताइवान के राष्टपति से बात की थी। चीन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया ट्रंप ने ट्विटर के माध्यम से दी है और समझा जाता है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के रविवार को किए गए दोनों ट्वीट अमेरिका-चीन तनाव को और बढ़ाएंगे।
भारत में अमेरिका के राजदूत द्वारा अरूणाचल प्रदेश का दौरा किए जाने पर चीन ने कड़ा एतराज जताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है कि चीन-भारत सीमा विवाद में उसका कोई भी हस्तक्षेप इस विषय को और भी पेचीदा बनाएगा और सीमा पर कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति में खलल डालेगा। हालांकि भारत ने चीन की प्रतिक्रिया पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और इसलिए अमेरिकी राजदूत के वहां का दौरा करने में कुछ भी गलत नहीं है।