Advertisement

Search Result : "दम लगा के हइशा"

शिवराज ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले क्यों लगा दी अर्जी

शिवराज ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले क्यों लगा दी अर्जी

घोटाले की आंच से घिरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर सीबीआई से जांच कराने की जो सिफारिश की है उसे लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई है। क्योंकि 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और वकीलों के समूह की याचिका पर सुनवाई होनी है।
महंगा पड़ा धक्का, धोनी पर लगा जुर्माना

महंगा पड़ा धक्का, धोनी पर लगा जुर्माना

बांग्लादेश के खिलाफ बुधवार को पहले एक दिवसीय क्रिकेट मैच में मेजबान तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान को कथित रूप से धक्का देने के मामले में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर आज मैच फीस का 75 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया।
केयर्न इंडिया से लगा वेदांता को झटका

केयर्न इंडिया से लगा वेदांता को झटका

दुनिया भर में पेट्रोलियम पदार्थों के गिरते दामों की शिकार भारत में अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड भी हो गई है। एक सप्ताह पहले तक सेसा स्टरलाइट के नाम से जानी जाने वाली कंपनी ने भारतीय कारोबारी जगत में अब तक के सबसे बड़े करीब 20 हजार करोड़ रुपये के गुडविल नुकसान की घोषणा की है।
मायावती पर फिर लगा पैसे लेने का आरोप

मायावती पर फिर लगा पैसे लेने का आरोप

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर एक बार फिर पैसे देकर टिकट लेने का आरोप लगा है। यह आरोप बसपा के संस्‍थापक सदस्य एवं पूर्व मंत्री दीनानाथ भास्कर ने लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले बसपा सांसद जुगल किश‍ोर भी मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
अब आई वजनदार की बारी

अब आई वजनदार की बारी

ग्लैमर की दुनिया में कुछ नियंत्रण में हो न हो लेकिन वजन नियंत्रित रहना बहुत जरूरी है। वजन बेकाबू हो तो करियर का घोड़ा बेकाबू हो जाता है।
दिखने लगा है आप का असर

दिखने लगा है आप का असर

आम आदमी पार्टी के सत्ता की बागडोर संभालते ही दिल्ली के स्कूलों से लेकर झुग्गी बस्तियों में नई सरकार का असर दिखने लगा है।
‘आप’ की लहर में चढ़ने लगा सेंसेक्स

‘आप’ की लहर में चढ़ने लगा सेंसेक्स

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी को जबर्दस्त बहुमत की ओर अग्रसर होता देख एक बार फिर शेयर बाजार ने भी अपनी चाल बदल ली है।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement