सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने केंद्र सरकार से देश में गौवंश के वध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में अल्पसंख्यक और संसदीय मामले राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जीतेंद्र सिंह को अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर अर्पण करने के लिए दी।
2007 में अजमेर दरगाह में हुए बम विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी पाए गए भवेश पटेल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता देवेंद्र गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
नई दिल्ली की निजामुद्दीन दरगाह के सज्जादानशीन समेत दो हिंदुस्तानी उलेमा पाकिस्तान में लापता हैं, जिसके बाद भारत ने इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है।
अमेरिका ने पाकिस्तान की सूफी दरगाह पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि वह आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करता रहेगा। इस हमले में सौ लोगों की मौत हो गई।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर आज रात हुए आत्मघती विस्फोट में करीब सौ लोगों की मौत हो गई और दो सौ से अधिक लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आतंकी संगठन आईएसआई ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
पूजा के स्थलों में लैंगिक समानता के अभियान की जीत के प्रतीक के तौर पर महिलाओं को एक बेहतर सफलता परवान चढ़ी है। महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मुंबई के पवित्र हाजी अली दरगाह के भीतर मजार तक प्रवेश कर वहां जियारत की। कोर्ट के फैसले के बाद दरगाह ट्रस्ट बोर्ड ने दरगाह मेंं मजार तक महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी।
हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया है कि पुरूषों की ही तरह महिलाओं को भी मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थान पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही ट्रस्ट ने जरूरी अवसंरचनात्मक बदलाव करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है।
सम अस्पताल चलाने वाले शिक्षा ओ अनुसंधान चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज रंजन नायक ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सम अस्पताल में आग लग जाने पर 21 लोग मारे गए थे। नायक की गिरफ्तारी के साथ इस आग त्रासदी के मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच हो गई है।
उर्दू भाषा में कहानियां बयान करने की विधा दास्तानगोई 20वीं सदी की शुरूआत की कई महान हस्तियों की जिंदगी के सफर को समेटे हुए है जिनमें गांधी के मोहनदास से महात्मा बनने की कहानी भी शामिल है।