आपके फेसबुक, वाट्स एप और जीमेल पर सरकारी शिकंजे का खतरा फिलहाल टल गया है। केंद्र सरकार ने नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी का विवादित मसौदा वापस ले लिया है। मसौदा के अनुसार वाट्स एप, फेसबुक जैसे मैसेज 90 दिनों से पहले डिलीट करना गैर-कानूनी करार दिया जा सकता था। हालांकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार को सफाई देनी पड़ी है कि वाट्स एप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन पेमेंट गेटवे को इस नीति से छूट दी जाएगी। इस पर भी विवाद शांत नहीं हुआ तो सरकार को विवादित ड्राफ्ट वापस लेना पड़ा।
आई, मी, माईसेल्फ...सब बोरिंग है।
अस एंड वी...इन्ट्रस्टिंग है...
इंटरनेट है तो फ्रेंडशिप है...
फ्रेंडशिप है तो शेयरिंग है...
जो मेरा है वो तेरा...
जो तेरा है वो मेरा है...
वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर आलोचना झेल रही सरकार ने आज अपने आदेश की समीक्षा की और उन साइटों पर से प्रतिबंध हटाने का निर्णय किया जो अश्लील सामग्री नहीं परोसती। इससे पहले, दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी) को 857 वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
संसद में पेश सीएजी (कैग) की ड्राफ्ट रिपोर्ट में पहले 22,842 करोड़ रुपये का रिलायंस जियो को 'अनुचित लाभ’ देने की बात कही गई मगर फाइनल रिपोर्ट में आश्चर्यजनक रूप से यह रकम घटकर 3,367 करोड़ रुपये हो गई। दिलचस्प यह है कि आरबी सिन्हा, जिनकी निगरानी में ये ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हुई, उनका इसी महीने तबादला हो गया।
आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की अभूतपूर्व जीत ने पूरे देश में आशा की लहर का संचार किया था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार का एक साल पूरा हो गया है। सरकार की पहली वर्षगांठ पर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आउटलुक हिंदी से खूब खुल कर चर्चा की
उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न दूरसंचार कंपनियों की मौजूदा लाइसेंस की अवधि बढ़ाने की याचिकाएं खारिज कर दीं। वोडाफोन और भारती एयरटेल सहित कई कंपनियों ने न्यायालय से उनके स्पेक्ट्रम लाइसेंस की अवधि बढ़वाने का अनुरोध किया था।
सीबीआई ने बुधवार को विशेष अदालत के समक्ष दलील दी कि पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े नीतिगत मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुमराह किया।
बाजार नियामक सेबी की धोखाधड़ी का पता लगाने वाली प्रणाली की क्षमता बढ़ाने की योजना में विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और एलएंडटी इन्फोटेक समेत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई प्रमुख कंपनियों ने काफी रूचि दिखाई है।