लिव इन अपराध: धर्म नहीं, स्त्री-चश्मे से देखें “हत्या का कारण ‘लिव-इन रिलेशन’ पर थोप कर कहीं हम अपना पल्ला तो नहीं झाड़ रहे?” आफताब ने अमानवीयता... NOV 27 , 2022
नजरिया: पदयात्रा राहुल या राजनीति की! “पदयात्रा ने राहुल गांधी को बदल दिया है, जनता में देश की राजनीति बदलने के सपने को फिर जगा दिया है,... NOV 20 , 2022
नजरिया: सुशासन में भी अव्वल “गिरमिटिया मजदूर से बड़े बिजनेसमैन तक, कैरिबियाई देशों में बदल रही भारत की छवि” दूर देशों में... JUL 28 , 2022
नजरिया/ अग्निपथ: आशंकाएं तो दूर करें “केंद्र को सोचना होगा कि उसकी कथित महत्वपूर्ण योजनाओं का इतना विरोध क्यों होता है” सरकार ने सेना... JUN 28 , 2022
कान फिल्म महोत्सव/नजरिया: आने वाला दशक भारत का “कान फिल्मोत्सव में मिले महत्व से जाहिर है अगला दशक भारतीय सिनेमा को बदलने वाला होगा” भारतीय... JUN 14 , 2022
नजरिया: यह राउंड तो नीतीश का “भाजपा के जोड़-तोड़ ऑपरेशन के जवाब में जदयू नेता ने राजद के रिजर्व पावर से गोटियां बिछाईं” बिहार के... JUN 14 , 2022
राजीव हत्याकांड/नजरिया: एक शब्द! “पेरारिवालन और उनकी मां राजीव गांधी की हत्या के लिए भी माफी कहतीं तो बेहतर होता” पढ़ रहा हूं कि... JUN 06 , 2022
नजरिया: स्त्री के लिए हक की बात दूर की कौड़ी, कैसे मिलेगा सहज अधिकार “भारत में फेमिनिज्म स्त्री अधिकार के लिए नहीं बल्कि अपना नाम चमकाने का जरिया है” अपने प्रचलित... JUN 01 , 2022
नजरिया: स्त्री के कंधों पर ही नैतिकता की जिम्मेदारी क्यों “जो समाज स्त्री को अपनी देह पर अधिकार नहीं देता, वह कैसे स्वीकार करेगा कि संबंध बनाने में दोनों की... MAY 31 , 2022
नजरिया: तन-तुष्टि से ज्यादा खास मन-संतुष्टि “ऑर्गेज्म की अनुभूति जितनी शारीरिक है, उससे कहीं अधिक यह सुख मानसिक संतुष्टि से जुड़ा है। देह सुख को... MAY 29 , 2022