राज्यसभा में मनमोहन सिंह और कांग्रेस पर पीएम मोदी के रेनकोट वाले बयान को लेकर कांग्रेस भड़क गई है। बुधवार को संसद से वाकआउट के बाद राज्यसभा में गुरुवार को भी कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया और पीएम मोदी से माफी मांगने की मांग की। इस मामले को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ। हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
एमनेस्टी इंटरनेशनल विवाद में विपक्ष के निशाने पर आए कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने उस संगठन को क्लीनचिट नहीं दी है जिस पर एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
दलितों पर हमले के मुद्दे की गर्माहट सोमवार को लोकसभा में महसूस की गई। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करते हुए न केवल अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की बल्कि बाद में वे सदन से वाकआउट भी कर गए। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांग की कि भाषण देने की बजाय कार्रवाई करें।
आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) भारत में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देशविरोधी नारेबाजी के बाद मचे हंगामे का फायदा उठाना चाहता था। आईएसआईएस की गतिविधियों से संबंधित एक संदिग्ध आतंकियों के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने दिए बयान के बाद इस तरह की जानकारी सामने आई।
जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के बाद देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी जीवन यात्रा पर अब एक किताब लिखेंगे। इस किताब में कन्हैया बिहार के एक गांव से शुरु होकर देशद्रोह के आरोप में दिल्ली के तिहाड़ जेल जाने तक के अपने जीवन के सफर पर रौशनी डालेंगे।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का मुद्दा आज लोकसभा में उठा और इस पर गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और इस विषय पर बात रखने की अनुमति तत्काल नहीं दिए जाने के विरोध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में धरने पर बैठ गए।
भारत माता की जय के नारे पर देवेंद्र फड़णवीस और रामदेव की टिप्पणियों को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने आज नारेबाजी के बजाय विकास की बातों पर जोर देने की बात कही और आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में गलत चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।
पिछले दिनों जेएनयू में आयोजित एक विवादित कार्यक्रम और उसमें कथित तौर पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में की गई नारेबाजी के मामले में कुछ छात्रों को सजा देने के मुद्दे पर जेएनयू ने कानूनी राय मांगी है। कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे भी लगाए गए थे।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एक उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी वाले पिछले महीने के एक विवादित कार्यक्रम में कथित भूमिका को लेकर कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और दो अन्य छात्रों को निकालने की सिफारिश की है।