कर्नाटक में पिछले दिनों एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में विपक्ष के निशाने पर राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने साफ किया है कि उन्होंने मानवाधिकार संगठन को कोई क्लीन चीट नहीं दी है। सोमवार को उन्होंने कहा, मैंने एमनेस्टी इंटरनेशनल को कोई क्लीनचिट नहीं दी है। पूर्व में दिए अपने एक बयान पर आलोचना झेलने के बाद वह नुकसान की भरपाई में जुट गए हैं। परमेश्वर ने कहा, दरअसल मैंने जो बात कही, वह यह थी कि मैंने एमनेस्टी इंटरनेशनल के किसी राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल होने की बात नहीं सुनी। दूसरी बात यह है कि जांच चल रही है और मैं कोई बेवकूफ नहीं हूं जो कह दूं कि सबकुछ ठीक है। उन्होंने कहा, मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा कि वह इस घटना की पुलिस जांच में कोई दखल नहीं देने जा रहे हैं।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर भाजपा के निशाने पर है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले पर राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि आजादी के नारे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता। जेटली ने इस मुद्दे पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पर कांग्रेस पार्टी और उसकी कर्नाटक सरकार की आलोचना की थी।