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Search Result : "द्रौपदी कविता"

न्याय के पहरेदारों की आवाज

न्याय के पहरेदारों की आवाज

इन दिनों न्याय के पहरेदारों न्यायाधीशों, वकीलों को सत्ताधारियों के समक्ष विभिन्न स्तरों पर आवाज पहुंचानी पड़ रही है। लोकतंत्र, राजतंत्र, सैन्य शासन या कम्युनिस्ट शासन में भी अंतिम दरवाजा न्यायालय का ही होता है।
तेलंगाना का हो अलग हाईकोर्ट

तेलंगाना का हो अलग हाईकोर्ट

तेलंगाना में अलग हाईकोर्ट की चल रही मांग के बीच सोमवार को राज्य से बड़ी संख्या में वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सांसदों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। राज्य के सांसदों ने कई बार केंद्र सरकार से अलग हाईकोर्ट की गुहार लगाई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने देश के बेहतरीन कव्वालों में से एक अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी। साबरी को रूह छू देने वाली सूफी गायिकी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता था।
‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

फेसबुक और ट्विटर संवाद बनाने का जरिया है। मैंने अपने फेसबुक पर ऐसी सेटिंग्स की हुई थी कि मेरी वॉल पर कोई दूसरा कुछ लिख नहीं सकता था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपनी सेटिंग्स बदल दें ताकि हम आपसे संवाद में शामिल हो सकें। मैंने ऐसा कर दिया। कुछ समय पहले मैंने जेएनयू और जादवपुर यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर लगे फ्री सेक्स के आरोप पर एक लेख लिखा। मैंने लिखा- ‘लड़कियों को फ्री सेक्स की गाली क्यों दी जाती है, पुरुषों को क्यों नहीं? क्योंकि माना जाता है कि पुरुषों को फ्री सेक्स का हक है।’ पुरुषों के लिए फ्री सेक्स कॉम्लीमेंट जैसा है। सही मायने में राजनीतिक तौर पर बेबाक महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें रं...या फ्री सेक्स करने वाली कहा जाता है। मेरा यह लेख काफी शेयर हुआ। मैंने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया। मेरे इस लेख में किसी ने कमेंट किया कि ‘तेरी मां भी फ्री सेक्स करती होगी?, तेरा बाप कौन है तू जानती भी नहीं.. ’ मेरी मां ने इसका जवाब दिया- ‘हां, मैंने फ्री सेक्स किया है। फ्री नहीं किया तो वह बलात्कार होता। फ्री का मतलब सहमति से सेक्स करना है, किसी को बंधक बनाकर सेक्स करना बलात्कार होता है।’ इसी से गालियों का सिलसिला शुरू हो गया। मेरे पिता, पति, भाई, बहन, मां सभी को गालियां और मुझे बलात्कार की धमकी दी गई।
जेएनयू विवाद: उमर और दो अन्य निष्कासित, कन्हैया पर लगा जुर्माना

जेएनयू विवाद: उमर और दो अन्य निष्कासित, कन्हैया पर लगा जुर्माना

जेएनयू प्रशासन ने 9 फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में हुए एक विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में कार्रवाई करते हुए उमर खालिद और दो अन्य छात्रों को अलग-अलग अवधि के लिए निष्कासित कर दिया और कन्हैया कुमार पर 10,000 रूपये का जुर्माना लगाया है।
शिक्षा के क्षेत्र में मिशाल बना तेलंगाना

शिक्षा के क्षेत्र में मिशाल बना तेलंगाना

लगभग दो साल पहले नवगठित राज्य तेलंगाना में जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तब राज्य की प्रमुख पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एक वादा किया था कि केजी टू पीजी तक की शिक्षा नि:शुल्क और अनिवार्य होगी। अब उस घोषणा पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने इस साल के शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरुआत करने जा रही है।
तेलंगाना में केजी टू पीजी की पढ़ाई होगी निःशुल्क

तेलंगाना में केजी टू पीजी की पढ़ाई होगी निःशुल्क

तेलंगाना सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र में केजी टू पीजी तक फ्री शिक्षा का वायदा पूरा करने जा रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और निजामाबाद से सांसद कविता कलवाकुंतला ने आउटलुक से बातचीत में कहा कि इस साल के शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरूआत हो जाएगी।
2015 का व्यास सम्मान सुनीता जैन को

2015 का व्यास सम्मान सुनीता जैन को

प्रख्यात लेखिका डॉक्टर सुनीता जैन के काव्य संग्रह क्षमा को साल 2015 के प्रतिष्ठित व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। उनके इस कविता संग्रह का प्रकाशन साल 2008 में हुआ था।
हर महिला को मिले वित्तीय सुरक्षा - कविता कलवाकुंटला

हर महिला को मिले वित्तीय सुरक्षा - कविता कलवाकुंटला

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और राज्य की पहली महिला सांसद कविता कलवाकुंटला राजनीति में आने से पहले अपने संगठन तेलंगाना जागृति मंच के जरिए सक्रिय रही हैं। कविता आउटलुक से विशेष बातचीत में राजनीतिक योजना और तेलंगाना के विकास को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
अशोक शाह की कविता: पहचान छोड़ आता हूं

अशोक शाह की कविता: पहचान छोड़ आता हूं

छह कविता संग्रह। साथ ही पुरातत्व विषयों पर भी लेखन। सभी पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं-कहानियां, लेख प्रकाशित। अनियतकालीन पत्रिका यावत का संपादन। सन 1990 से भारतीय प्रशासनिक सेवा में।
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