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Search Result : "द न्यूयार्क टाइम्स"

स्नोजिला तूफान के कहर से अमेरिका हलकान, 18 लोगों की मौत

स्नोजिला तूफान के कहर से अमेरिका हलकान, 18 लोगों की मौत

अमेरिका में आए बर्फीले तूफान स्नोजिला ने पूरे ईस्ट कोस्ट में जनजीवन लगभग अस्त व्यस्त कर दिया। इससे कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और करीब 8.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं जिसके चलते 10 राज्यों में आपातस्थिति घोषित करनी पड़ी है।
अफगानिस्तान में फिर सिर उठाने लगा अल-कायदा

अफगानिस्तान में फिर सिर उठाने लगा अल-कायदा

अफगानिस्तान में नए सिरे से अल-कायदा के शिविर पनपने की आशंका पर चिंताएं बढ़ने लगी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में एक पुराना दुश्मन फिर से सिर उठा रहा है।
अमेरिकी अदालत ने मांगे मोदी के प्रवेश से जुड़े दस्तावेज

अमेरिकी अदालत ने मांगे मोदी के प्रवेश से जुड़े दस्तावेज

अमेरिका की एक अदालत ने ओबामा प्रशासन द्वारा नरेंद्र मोदी के अमेरिका में प्रवेश पर लागू प्रतिबंध को हटाने के निर्णय से संबद्धित सभी दस्तावेज को फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया है। अमेरिकी अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद वहां के विदेश विभाग को यह निर्देश जारी किया है।
कैलिफोर्निया में गोलियां बरसाने वाली महिला शायद भारत भी आई थी

कैलिफोर्निया में गोलियां बरसाने वाली महिला शायद भारत भी आई थी

कैलिफोर्निया में की गई गोलीबारी की संदिग्ध पाकिस्तानी महिला ने अपने पति के साथ अमेरिका आने से एक साल पहले, वर्ष 2013 में एक बार शायद भारत की यात्रा की थी।
चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
सुरक्षा परिषद सीट के लिए जापान से गठजोड़ भारत की गलतीः चीन

सुरक्षा परिषद सीट के लिए जापान से गठजोड़ भारत की गलतीः चीन

चीन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग के लिए जापान, जर्मनी और ब्राजील के साथ भारत का गठबंधन करना एक बहुत बड़ी गलती है।
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
लिटिल इंडिया दंगा: सुनवाई के दौरान तीखी बहस

लिटिल इंडिया दंगा: सुनवाई के दौरान तीखी बहस

दिसंबर 2013 दंगा मामले में देश के 25 आरोपियों में से अंतिम भारतीय की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील और पुलिस के बीच सबूतों को लेकर तीखी बहस हुई और वकील ने एक पुलिस अधिकारी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
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