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मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

पिछले साल भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में क्या आई 1990 के दशक के मजहबी और जातिगत टकराव के गड़े मुर्दे मानो फिर से उखाड़े जाने लगे। एक तरफ जनगणना में धार्मिक समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के चुनिंदा आंकड़े पूर्वाग्रह के रंग में रंगकर धीरे-धीरे सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया में टपकाए जाने लगे और दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल और उसके परिवार के तरह-तरह के गेरुआधारी ‘पूतों फलों’ और ‘घर वापसी’ के भड़काऊ भाषणों के जरिये बहुसंख्यक समुदाय का भयादोहन कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध उन्माद पैदा करने की कोशिश करने लगे। नतीजतन देश में कई जगह अल्प तीव्रता वाले सांप्रदायिक उपद्रव होने लग गए, खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकारें थीं और आगे चुनाव होने थे।
बैंकाक बम धमाके में 27 लोगों की मौत, 117 घायल

बैंकाक बम धमाके में 27 लोगों की मौत, 117 घायल

थाईलैंड की राजधानी सेंट्रल बैंकाक में बम धमाके से 27 लोगों की मौत हो गई जबकि 117 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। धमाके के बाद पूरे थाइलैंड में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। यह धमाका एक धार्मिक स्‍थल के पास हुआ। थाइलैंड के पुलिस प्रमुख ने बताया कि यह बम धमाका था। जांच के बाद ही अन्य तथ्यों का खुलासा हो सकेगा।
आजादी विशेष | मत बोल कि जुबां है बंदिश में तेरी

आजादी विशेष | मत बोल कि जुबां है बंदिश में तेरी

अभिव्यक्ति की आजादी के लिए यह वर्ष नाटकीय रहा है। यह इंडियाज डॉटर पर सेंसरशिप से लेकर श्रेया सिंघल फैसले के उत्साह और फिर गुपचुप तरीके से इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी को ब्लॉक करने की सरकारी कोशिश के बीच झूलता रहा। हालांकि हर घटना ने अलग-अलग नाराजगी पैदा की मगर सच यही है कि ये सभी जुड़ी हुई हैं। ये सभी अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे को दूर रखने वाले संवैधानिक सुरक्षा उपायों में मौजूद खामियों को बताने वाले चेतावनी संकेत हैं।
आखिरकार डिज्नी ने सिख युवक को कार्यस्थल पर दी धार्मिक स्वीकार्यता

आखिरकार डिज्नी ने सिख युवक को कार्यस्थल पर दी धार्मिक स्वीकार्यता

फ्लोरिडा स्थित वॉल्ट डिज्नी वलर्ड में काम करने वाले अमेरिकी मूल के जिस सिख अमेरिकी कर्मचारी को उसके धार्मिक प्रतीकों के चलते मेहमानों के सामने काम करने से सात साल तक रोककर रखा गया था, उसे एक महत्वपूर्ण जीत हासिल हुई है। अब कंपनी उसके साथ किए जाने वाले अलगाव को खत्म करने और उसके धार्मिक मतों को स्वीकार करने के लिए राजी हो गई है।
आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
सिनेमा का इतिहास और वर्तमान

सिनेमा का इतिहास और वर्तमान

हिंदी में सिनेमा के इतिहास पर सबसे नई पुस्तक है - समय, सिनेमा और इतिहास। हिंदी सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर जश्न तो कई हुए, अखबारों, पत्रिकाओं में कई अहम विशेषांक भी निकले लेकिन पुस्तक के रूप में बॉलीवुड के इतिहास को नए तरीके से समेटने का काम कम हुआ। कुछ देर से ही सही, लेकिन संजीव श्रीवास्तव की यह पुस्तक इस मायने में काफी सराहनीय है। पुस्तक में शामिल सौ साल से अधिक के हिंदी सिनेमा की बड़ी तस्वीरें, व्यक्ति और समाज की अनुभूति और अभिव्यक्ति की बहुरंगी भाव-भंगिमाओं को विविघता से संजोए हुए हैं। यहां व्यावसायिकता की चकाचौंध है, तो कला की प्रांजलता भी। बाजार के दबाव और समझौते की कहानियां हैं तो प्रतिबद सामाजिक सरोकार के नजीर भी हैं।
भारतीय की मौत, अमेरिकी महिला को 24 साल की सजा

भारतीय की मौत, अमेरिकी महिला को 24 साल की सजा

धार्मिक वैमनस्य के चलते एक भारतीय व्यक्ति पर हमला कर उसे एक सबवे ट्रेन के सामने धक्का देकर मारने वाली अमेरिकी महिला (33) को 24 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

‘सफल होने की होड़ और बाजारवाद चिंता का विषय’

लोगों में आज सफल होने की होड़ तेजी से बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए जानी मानी लेखिका अलका सरावगी ने कहा कि आज बाजार सबके लिए मूल्यबोध के पैमाने बनने के साथ साधन एवं साध्य बन गया है और ऐसे में लेखकों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है।
धार्मिक असहिष्‍णुताः अमेरिकी रिपोर्ट पर भड़की मोदी सरकार

धार्मिक असहिष्‍णुताः अमेरिकी रिपोर्ट पर भड़की मोदी सरकार

अमेरिकी कांग्रेस की ओर से गठित एक आयोग ने कहा है कि साल 2014 में भारत में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसक हमलों, जबरन धर्मांतरण और घर वापसी जैसे अभियानों का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भारत सरकार ने इस पर कड़ा एेतराज जताते हुए इसे खारिज कर दिया है। लेकिन मोदी राज में विश्‍व मंच पर भारत की छवि चमकने के दावों को तगड़ा झटका लगा है।
साहित्य अकादेमी में मना विश्व पुस्तक दिवस

साहित्य अकादेमी में मना विश्व पुस्तक दिवस

किताबों की हमारे जीवन में उपस्थिति और उसके महत्व को रेखांकित करते हुए साहित्य अकादेमी ने ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महत्त्वपूर्ण लोगों ने किताबों से अपने रिश्तों को श्रोताओं से साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ श्री जवाहर सरकार ने की।
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