महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय नगरपालिका, नगरपरिषद और महानगरपालिका के चुनाव में भाजपा के हारने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में मराठवाड़ा में शिवसेना के और पश्चिम महाराष्ट्र में राकांपा के जीतने का आकलन व्यक्त किया गया है। महाराष्ट्र सीआईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के दलित, मुस्लिम व अन्य पिछड़ा वर्ग, जो करीब 35 से 40 प्रतिशत हैं, वह भाजपा को वोट नहीं देंंगेे।
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजना शुरू हो गई है। हाल ही में हुए नगरपालिका चुनावों में भाजपा ने फिर मुंह की खाई है। राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा है। मध्यप्रदेश में हुए तीन नगर पालिका चुनावों के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में गए हैं। तीनों ही जगहों पर बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। तीनों विजेताओं के जीत का अंतर ज्यादा है। भोपाल में हिंदू उत्सव समिति के चुनाव में भी भाजपा समर्थित उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा है।
देश के 33 करोड़ लोग सूखे और जल संकट से परेशान हैं, लेकिन शहरों और गांवों तक पहुंचने वाले नेताओं, मंत्रियों के स्वागत-सम्मान में गुलदस्ते, फूलमाला, प्रतीक चिह्न भेंट करने पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं।