Advertisement

Search Result : "निजी जेल"

चर्चाः गरीब की जेब से डिजिटल क्रांति | आलोक मेहता

चर्चाः गरीब की जेब से डिजिटल क्रांति | आलोक मेहता

डिजिटल इंडिया का नारा आकर्षक है। रिक्‍शे वाला और सब्जी विक्रेता अथवा दूर-दराज काम कर रहे मजदूर के पास भी मोबाइल फोन पहुंच गया है। सरकार गौरव के साथ कहने लगी है कि देश में एक सौ करोड़ मोबाइल फोन लोगों के हाथों में दिखने वाले हैं। इस क्रांति से लोगों को सुविधा हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे सरकार और निजी कंपनियां गरीब लोगों की जेब अधिक खाली करने लगी है।
लिंग परीक्षण का सुझाव मेनका गांधी की निजी रायः नड्डा

लिंग परीक्षण का सुझाव मेनका गांधी की निजी रायः नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा लिंग परीक्षण जांच संबंधी सुझाव उनकी व्यक्तिगत राय है, यह मंत्रीमंडल का निर्णय नहीं है।
निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

निजी कोचिंग सेंटर शिक्षा का संगठित माफिया

जिसका मन करता है, वह चार कुर्सी-टेबल लगा कर कोचिंग सेंटर खोल लेता है क्योंकि हमारे देश में स्कूल खोलना मुश्किल काम है। स्कूल खोलने के लिए कई औपचारिकताएं होती हैं, जिसे हर कोई पूरा नहीं कर सकता है लेकिन निजी कोचिंग सेंटर के लिए कुछ नहीं करना होता। इसके लिए देश में कोई रेगुलेटरी बोर्ड नहीं। कोचिंग सेंटर्स शिक्षा का रैकेट और संगठित माफिया है। इनके बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन छात्रों को आकर्षित करते हैं। शिक्षकों को लगता है कि स्कूल या कॉलेज में क्यों पढ़ाना? वे स्कूल-कॉलेज में वे ट्रिक्स नहीं देते जो कोचिंग सेंटर में देते हैं। कोई नहीं जानता कि देश में कितने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स हैं, ये सालाना कितने करोड़ रुपये का कारोबार करते हैं।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी सरकारी से दोगुनी ज्‍यादा

निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी सरकारी से दोगुनी ज्‍यादा

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक, देश के निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी के मामलों की संख्या सरकारी संस्थानों में होने वाली डिलीवरी की संख्या के दोगुने से ज्यादा है।
राजस्थान में सरकारी दुकानों से निजी कंपनियों को मिलेगा मुनाफा

राजस्थान में सरकारी दुकानों से निजी कंपनियों को मिलेगा मुनाफा

सरकारी उचित मूल्य की 5,000 दुकानों पर निजी कंपनी बेचेंगी अपना माल, दुकान सरकार की, लाभ कंपनी का, पीपीपी मॉडल की घुसपैठ पीडीएस ढांचे में भी
आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्‍मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।
ट्वीटर पर 140 अक्षरों की संदेश सीमा समाप्‍त

ट्वीटर पर 140 अक्षरों की संदेश सीमा समाप्‍त

सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर ने सीधे संदेशों के लिए 140अक्षरों की सीमा समाप्‍त कर दी है। लेकिन ट्वीट करने के लिए अब भी 140 अक्षरों की पाबंदी जारी रहेगी।
प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
मॉनसून पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों के उलट दावे

मॉनसून पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों के उलट दावे

जुलाई का एक सप्ताह निकलने के साथ देश मौसम विभाग ने फिर से देश में कमजोर मॉनसून की आशंका जताई है और कहा है कि जुलाई माह में अभी तक पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी इलाकों में बारिश नकारात्मक रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 8 जुलाई तक देश में बारिश चार प्रतिशत कम रही है। मध्य भारत में जून में बारिश अच्छी रही थी, लेकिन अब वहां बारिश आठ प्रतिशत कम है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement