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Search Result : "निर्णय की वैधता"

सेंसर बोर्ड: गालियों पर निर्णय से पहले विचार

सेंसर बोर्ड: गालियों पर निर्णय से पहले विचार

फिल्म निर्देशक पहलाज निहलानी ने जब से सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष पद संभाला है तब से वह और सेंसर बोर्ड व‌िवादों में हैं। इस दफा खबर है क‌ि सेंसर बोर्ड ने न‌िर्णय लिया है कि आपत्तिजनक और गाली गलौज वाले 28 शब्दों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर तैयार विवादास्पद सूची पर अमल से पहले विभिन्न वर्गों से विचार-विमर्श किया जाएगा।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।