Advertisement

Search Result : "निर्देशक दीपा मेहता"

फिल्मों को लैंगिक नजरिए से देखे जाने की जरूरत : राहुल बोस

फिल्मों को लैंगिक नजरिए से देखे जाने की जरूरत : राहुल बोस

अभिनेता-निर्देशक राहुल बोस का मानना है कि लोगों को लैंगिक नजरिए से फिल्में देखने की जरूरत है और यह विश्लेषण भी करना चाहिए कि बड़े पर्दे पर आ रही कहानियों में क्या पुरूषों और महिलाओं को समान महत्व दिया जाता है।
सेना को दिया जाने वाला दान स्‍वेच्‍छा से हो, जोर जबरदस्‍ती सही नहीं : पर्रिकर

सेना को दिया जाने वाला दान स्‍वेच्‍छा से हो, जोर जबरदस्‍ती सही नहीं : पर्रिकर

देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सेना को दिया जाने वाले दान स्वेच्छा से होना चाहिए, इसके लिए किसी पर जोर-जबरदस्ती की जरूरत नहीं है। यह बात उन्होंने राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस द्वारा फिल्म निर्माताओं पर दान देने का दबाव बनाने के संदर्भ में कही। राज ठाकरे के इस मांग की कई लोगों ने आलोचना की है।
राजनाथ, फडणवीस ने ऐ दिल है मुश्किल के रिलीज का आश्वासन दिया

राजनाथ, फडणवीस ने ऐ दिल है मुश्किल के रिलीज का आश्वासन दिया

निर्देशक करण जौहर सहित फिल्म ऐ दिल है मुश्किल के निर्माताओं को केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार दोनों ने आश्वासन दिया कि किसी को भी फिल्म की रिलीज रोकने नहीं दी जाएगी। दरअसल मनसे ने धमकी दी है कि वह पाकिस्तानी कलाकार के कारण अगले सप्ताह रिलीज हो रही रही इस फिल्म को सिनेमाघरों में प्रसारित नहीं होने देगी।
अनुराग कश्यप ने 'ऐ दिल है मुश्किल' से जुड़े विवाद के लिए मोदी को घेरा

अनुराग कश्यप ने 'ऐ दिल है मुश्किल' से जुड़े विवाद के लिए मोदी को घेरा

फिल्मकार अनुराग कश्यप ने भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के कारण पाकिस्तानी कलाकारों से सजी हुई फिल्मों की रिलीज पर रोक से जुड़े विवाद में शामिल होते हुए कहा कि जब भारतीय फिल्मकारों को दंडित किया जा रहा है तो प्रधानमंत्री को भी अपने लाहौर दौरे के लिए माफी मांगनी चाहिए।
एमसीआई को खत्म करना ही समाधान मान लिया गया है : डॉ जयश्री मेहता

एमसीआई को खत्म करना ही समाधान मान लिया गया है : डॉ जयश्री मेहता

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई)को समाप्‍त कर उसकी जगह नेशनल मेडिकल कमीशन लाने का प्रस्ताव नीति आयोग ने दिया है।ऐसे संभावित बदलाव पर आउटलुक ने एमसीआई की अध्यक्ष डॉ जयश्री मेहता से कुछ अहम बिंदुओं पर बातचीत की। इस दौरान मेहता का कहना था कि हम मेडिकल की पढ़ाई के स्‍तर को बेहतर करना चाहते हैं। इसी वजह से हम नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं। पर लोग कहते हैं कि जिद्दी रवैया अख्तियार कर रहे हैं। अगर ऐसा न करके ढिलाई बरतें तो कहते हैं कि एमसीआई चोर है।
न सड़कें न सुविधाएं, आेलंपियन दीपा लौटाएंगी बीएमडब्‍ल्‍यू

न सड़कें न सुविधाएं, आेलंपियन दीपा लौटाएंगी बीएमडब्‍ल्‍यू

भारतीय जिम्नास्ट और रियो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने वाली दीपा करमाकर तोहफे में मिली बीएमडब्‍ल्‍यू कार को वापस करना चाहती हैं। रियो ओलंपिक में फाइनल खेलने वाली दीपा इस तोहफे को लौटाना चाहती हैं क्योंकि महंगी और आलीशान कार को मैंटेन करना उनके लिए आसान नहीं है।
हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

हवाला-छापों से हैरान ए.के.। आलोक मेहता

ए.के.- 67 के कारतूस लगातार खोखले और ‘आप हंता’ साबित हो रहे हैं। 70 में से 67 का भारी बहुमत और टोपी-कमीज-चप्पल से बनी प्रारंभिक लोकप्रिय छवि वाला मुख्यमंत्री भारतीय राजनीति में पहले कभी नहीं उभरा। केवल दो साल की राजनीतिक गोलीबारी के साथ संपूर्ण भारत पर राजनीति की महत्वाकांक्षा पालने वाले ए.के. यानी अरविंद केजरीवाल अब हैरान हैं।
समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा गौरव को आरक्षण। आलोक मेहता

मराठा पृष्ठभूमि गौरवशाली रही है। मराठा राजा-महाराजाओं का सत्ताकाल, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का बड़ा श्रेय मराठा समुदाय को मिलता है। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर जैसे क्षेत्रों में उद्योग-व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, सहकारी समितियों की संस्था एं, कृषि, विज्ञान इत्यादि में नए रिकॉर्ड बने हैं। फिर भी पिछले दिनों राजनीतिक इरादों से मराठा आरक्षण देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का प्रदर्शन हुआ है।
अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

अब अमेरिकी ऊंट पहाड़ के नीचे। आलोक मेहता

भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका सहित दुनिया के देशों को पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादी दानवों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करता रहा है। फिर भी अमेरिका बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को आर्थिक मदद एवं अत्याधुनिक हथियार देता रहा। ओसामा बिन लादेन के तालिबानी हमले के बाद उसने अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर बमबारी की और सैनिक तैनात किए लेकिन पाकिस्तान में छिपे लादेन के अपवाद को छोड़कर किसी आतंकवादी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement