दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति से संबंधित फाइल उप राज्यपाल की स्वीकृति हासिल करने के लिए नहीं भेजी, हर वर्ष नई आबकारी नीति लागू करने से पहले इसे उप राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाता है, लेकिन इस बार ऐसी कोई फाइल नहीं भेजी गई।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत ब्याज दर में कटौती करेगा, बशर्ते उसे यह भरोसा हो जाए कि इस कटौती के बाद भी मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी।
नीतिगत ब्याज दर तय करने के मामले में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अधिकार में कटौती के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे पर सरकार पीछे हट गई है और उसने मंगलवार को कहा कि यह निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक के गवर्नर के अधिकाराें में कमी करना चाहती है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया ने विश्वास जताया है कि विकास आधारित नीतियों पर आगे बढ़ते रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 15 साल या उससे भी कम समय में 8,000 अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच सकती है और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है।
सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, मोदी सरकार से यह प्रेरणा लेने के लिए केवल 16 मुख्यममंत्री मौजूद थे। यानी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की कवायद पूरे देश के बजाय अब एनडीए शासित राज्यों तक सिमट जाएगी। लेकिन इसके खतरे भी कम नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा बुलाई गई नीति आयोग की बैठक में कांग्रेसशासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री भी बैठक में नहीं पहुंची। कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्री ने बैठक में न आने के बारे में कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर चर्चा होनी है इसलिए बैठक में नहीं जा रहे हैं।
मानसून पूर्व नीति आयोग की राजनीति से लोकसभा के मानूसन सत्र और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर घनघोर काली घटाएं मंडराने लगी हैं। मतलब लोकसभा में गर्जन-तर्जन होगा, बिजली कड़केगी, विपक्ष की बौछार तेज पड़ेे और संसद बाधित होती। 21 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस सत्र से पहले नीति आयोग की बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जाने-माने संगीतकार एमएस विश्वनाथन का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने लगभग 1000 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर विश्वनाथन को चेन्नई में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां हैं।