 
 
                                    नए दौर में दलित पॉलिटिक्स: जाति पर जोर से दलित एजेंडा हुआ फीका
										    आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    