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Search Result : "पर्यावरण प्रदूषण"

यमुना की गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग हो रहा है ताजमहल

यमुना की गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग हो रहा है ताजमहल

विश्व धरोहर और दुनिया में मोहब्बत की बेमिसाल धरोहर माना जाने वाला ताजमहल यमुना नदी में गंदगी और कीड़ों के प्रकोप से बदरंग होता जा रहा है। समय समय पर मड पैक और विभिन्न तत्वों का घोल चढ़ाकर इसके संरक्षण के प्रयास किये जाते है लेकिन कीड़ों के प्रकोप की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की पहल अभी तक नहीं देखी गई है।
संघ की की बैठक में आर्थिक विषमता, पर्यावरण, तीन तलाक पर चर्चा

संघ की की बैठक में आर्थिक विषमता, पर्यावरण, तीन तलाक पर चर्चा

राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की रविवार से तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई जिसमें आर्थिक विषमता, पर्यावरण-असंतुलन और आतंकवाद को विश्व मानवता के लिए गंभीर चुनौती के साथ तीन तलाक जैसे विषयों पर प्रमुखता से विचार किये जाने की उम्मीद है।
पर्यटन स्थलों पर कचरा करने से नाराज हैं पर्यावरण मंत्री

पर्यटन स्थलों पर कचरा करने से नाराज हैं पर्यावरण मंत्री

पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों द्वारा कचरा फैलाए जाने से केंद्र की भाजपानीत सरकार के पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे खासे नाराज हैं। उन्होंने आज इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग पर्यटनस्थलों पर जाते हैं और वहां कचरा फैलाकर आ जाते हैं।
पटना में गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी

पटना में गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी

पटना में गंगा को स्‍वच्‍छ रखने के प्रयास के तहत शहर में सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 1050 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी का बड़ा फैसला लिया गया है। यह राशि दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण और लगभग 400 किलोमीटर तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर खर्च की जाएगी।
हाथी के मल से पर्यावरण अनुकूल कागज का उत्पादन

हाथी के मल से पर्यावरण अनुकूल कागज का उत्पादन

शहर के कुछ विशेष रूप से सक्षम लोग अड़चनों को पार करके हाथी के मल से पारिस्थितिकी के लिहाज से अनुकूल कागज बनाकर कमाई कर रहे हैं और इस कागज की अच्छी मांग है खासतौर पर विदेशी पर्यटकों के बीच।
भारत में कई शहर जहां सांस लेना मुश्किल: ग्रीनपीस रिपोर्ट

भारत में कई शहर जहां सांस लेना मुश्किल: ग्रीनपीस रिपोर्ट

ग्रीनपीस इंडिया द्वारा ऑनलाइन रिपोर्ट और सूचना के अधिकार के तहत देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति पर बनी रिपोर्ट बेहद भयावह है। इसमें भारत के किसी भी शहर में डब्लूएचओ और दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोड़कर भारत के किसी भी शहर में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण निंयत्रित करने के लिए बनाए गए मानकों की सीमा का पालन नहीं किया है। 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति पर ग्रीनपीस इंडिया द्वारा बनी इस रिपोर्ट का नाम ‘वायु प्रदूषण का फैलता जहर’ नाम दिया गया है। इसमें प्रदूषण का मुख्य कारण जीवाश्म इंधन को जलाना बताया गया है।
वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है चीन

वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है चीन

चीन भारी वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए बीजिंग समेत अपने 20 शहरों की आपातकालीन योजनाओं का मूल्यांकन कर रहा है। इस बीच अधिकारियों की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचने के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया।
प्रदूषण से खूबसूरती को ग्रहण

प्रदूषण से खूबसूरती को ग्रहण

बढ़ते प्रदूषण से न केवल स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि खूबसूरती पर भी असर पड़ता है। इससे त्वचा खराब हो जाती है। उसपर खारिश, समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियां और लचीलेपन में कमी, काले दाग धब्बे देखने में आते है।
होशियार पौधे सीखते हैं नई आदतें : अध्ययन

होशियार पौधे सीखते हैं नई आदतें : अध्ययन

पौधे भी विभिन्न घटनाओं के बीच के तार जोड़कर अपने पर्यावरण के बारे में चीजें सीख सकते हैं। अब तक माना जाता था कि यह क्षमता सिर्फ प्राणियों में ही होती है लेकिन एक नए अध्ययन में पहली बार पौधों के इस खास गुण के बारे में बताया गया है।
इंटरनेशनल सोलर अलायंस: प्रारूप समझौते पर 20 देशों ने किए हस्ताक्षर

इंटरनेशनल सोलर अलायंस: प्रारूप समझौते पर 20 देशों ने किए हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज इंटरनेशनल सोलर अलायंस (इसा) की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इसके प्रारूप समझौते पर ब्राजील और फ्रांस सहित दुनिया के 20 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर कर दिया है।
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