दिल्ली में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के कारण हो रही मौतों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा।
बीस साल की सहरुमा पेट से है। नवां महीना जारी है। उसके पास न तो जच्चा-बच्चा कार्ड और न ही उसे पता है कि बच्चे की पैदाइश कहां हो सकेगी। पिछले चार महीनों से उसने डॉक्टर के यहां कोई चेकअप भी नहीं करवाया है। सहरुमा फरीदाबाद के गांव अटाली के उस अल्पसंख्यक पीड़ित समुदाय से है जिन्हें सांप्रदायिक हिंसा के चलते चार महीने पहले अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा था। फरीदाबाद के अटाली में हालात जस के तस हैं। जिन 175 परिवारों ने गांव छोड़ा था उनके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि लगभग चार महीने पहले अटाली गांव में मस्जिद बनाने के विवाद पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
ऐसा लगता है कि हिंदूवादी शक्तियों ने धार्मिक जनगणना के आंकड़ों को भुनाना शुरू कर दिया है। तभी तो शिवसेना की आगरा इकाई ने उन हिंदू परिवारों को दो लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है जिनके परिवार में पांच बच्चे होंगे।
कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
लोकसभा में गुरुवार को सुषमा के भावनात्मक बयान को सोनिया ने नाटक करार दिया है। सोनिया गांधी ने कहा कि मैं उस महिला की मदद की अपनी ओर से पूरी कोशिश करती लेकिन मैं नियम तोड़कर ऐसा नहीं करती।
बलात्कार पीड़ित नाबालिग मां के बच्चे के जन्म लेने के बाद परिवार, समाज या कानून से उसे ऐसी व्यवस्था नहीं मिल पाती, जिसमें बच्चा आवश्यक जरूरी सुविधाओं के साथ पल-बढ़ सके। बल्कि वह सबके लिए एक बोझ सरीखा बन जाता है। अहमदाबाद की बच्ची को कानून से थोड़ा छूट देते हुए 25 सप्ताह के गर्भपात की इजाजत जरूर मिलनी चाहिए थी, और मिली भी। यहीं पर इस तरह के तमाम सवाल कानून के दायरे में रहकर जवाब मांगते हैं।
सर्जरी कराने के बाद जयपुर के अस्पताल से मुंबई लौटने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने दुर्घटना में आहत हुए परिवार को वित्तीय सहायता की पेशकश की है। अपनी बेटी ईशा देओल और दामाद भरत तख्तानी के साथ 66 वर्षीया अभिनेत्री शनिवार को चार्टर्ड विमान से मुंबई लौट गईं।
भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी की कार दुर्घटना में मारी गई दो साल की बच्ची के पिता शोकाकुल हैं जबकि उसकी घायल मां एक ही रट लगा रही है कि चिन्नी कहां है? उसे यह पता नहीं कि उसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। परिवार का इससे भी ज्यादा दुख इस बात को लेकर है कि सांसद या उनके किसी सहयोगी ने उनका हाल तक जानने की कोशिश नहीं की। दूसरी तरफ, हेमा मालिनी की सेडान कार चलाने वाले ड्राइवर को अदालत से जमानत भी मिल गई है और अभिनेत्री के नाक की प्लास्टिक सर्जरी सफल रही है।